जीएसटी नियमों में बदलाव से क्यों दबाव में आई गोल्ड की कीमतें?

भारत के सर्राफा बाजार में इस हफ्ते सोने और चांदी के दामों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। जहां सोना प्रति 10 ग्राम 500 रुपए सस्ता हो गया, वहीं चांदी की कीमतों में भी 1,000 रुपए प्रति किलो की गिरावट देखने को मिली। दिलचस्प बात यह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में हल्की तेजी दर्ज होने के बावजूद घरेलू बाजार में कीमतें नीचे आ गईं। जानकारों का मानना है कि जीएसटी सुधार और रुपए की मजबूती के साथ-साथ वैश्विक राजनीति से जुड़े घटनाक्रमों का इस गिरावट पर सीधा असर पड़ा है।

दिल्ली सर्राफा बाजार का हाल

अखिल भारतीय सर्राफा संघ के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली बाजार में 99.9% शुद्धता वाला सोना मंगलवार को 1,00,420 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जो पिछले सत्र के मुकाबले 500 रुपए कम है। वहीं, 99.5% शुद्धता वाला सोना 450 रुपए गिरकर 1,00,050 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। इसी तरह, चांदी के भाव भी घटकर 1,14,000 रुपए प्रति किलोग्राम रह गए, जबकि पिछले सत्र में यह 1,15,000 रुपए थी।

क्यों टूटी सोने-चांदी की चमक?

सोने की कीमतों में इस गिरावट के पीछे कई कारण सामने आए हैं। अबंस फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिंतन मेहता का कहना है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की की मुलाकात से युद्ध समाप्त होने की उम्मीदें जगी हैं। इस बैठक में यूरोप और नाटो देशों के नेता भी मौजूद थे। शांति की संभावनाओं ने निवेशकों को सोने से दूरी बनाने पर मजबूर किया, जिससे मांग घटी और कीमतें गिर गईं।

वहीं, मीरा एसेट शेयरखान के कमोडिटी और करेंसी हेड प्रवीण सिंह का मानना है कि भारत सरकार द्वारा किए गए जीएसटी नियमों में बदलाव ने रुपए को मजबूत किया है। डॉलर के मुकाबले रुपए की रफ्तार बढ़ने से सोना घरेलू बाजार में महंगा होने के बजाय सस्ता दिखाई दे रहा है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार का परिदृश्य

विदेशी बाजारों की बात करें तो न्यूयॉर्क में हाजिर सोना 0.15% बढ़कर 3,337.92 डॉलर प्रति औंस पर और चांदी 0.19% बढ़कर 38.09 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। लेकिन घरेलू स्तर पर रुपए की मजबूती ने इनकी चमक फीकी कर दी।

ऑग्मोंट की शोध प्रमुख रेनिशा चैनानी का कहना है कि निवेशक अब अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के जैक्सन होल संगोष्ठी में होने वाले भाषण और फेड की हालिया बैठक के मिनट्स पर नजर गड़ाए हुए हैं। यही वजह है कि सोना 3,380 डॉलर प्रति औंस के स्तर से नीचे खिसक गया है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि रुपए की मजबूती बनी रहती है, तो सोने के दामों पर और दबाव देखने को मिल सकता है। वहीं, अमेरिकी हाउसिंग मार्केट के आंकड़े, जिनमें भवन निर्माण परमिट और नए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स शामिल हैं, जल्द ही सामने आने वाले हैं। इन आंकड़ों का असर डॉलर और सोने दोनों की दिशा पर पड़ेगा।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के कमोडिटी सीनियर एनालिस्ट सौमिल गांधी का कहना है कि इन आर्थिक संकेतकों से सत्र के दौरान सोने में और उतार-चढ़ाव आ सकता है।