मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच अचानक एक बड़ी तकनीकी समस्या सामने आई। मध्यप्रदेश चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट (https://ceomadhyapradesh.nic.in/) मंगलवार को अचानक बंद हो गई। वेबसाइट पर “रखरखाव के अधीन” का संदेश दिखाई दिया, जिससे चुनावी माहौल में हलचल तेज हो गई।
वेबसाइट बंद होने पर उठा विवाद
ऐसा पहली बार नहीं है जब चुनाव आयोग की वेबसाइट अचानक बंद हुई हो। चुनावी सीज़न में वेबसाइट ठप होने से विपक्ष ने गंभीर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जब-जब वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों का मुद्दा सामने आता है, तब-तब वेबसाइट डाउन हो जाती है।
मध्यप्रदेश से लेकर दिल्ली तक घबराई सरकार!
आज भोपाल में प्रेस वार्ता के माध्यम से मैंने ‘वोट चोरी’ को लेकर जनता के सामने कई महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत किए और एक बड़ा खुलासा किया।
जब भी हमने वोटर लिस्ट में अनियमितताओं की बात उठाई है, मध्य प्रदेश CEO की वेबसाइट या तो डाउन हो जाती… pic.twitter.com/6Xf0YYgGIs
— Umang Singhar (@UmangSinghar) August 19, 2025
उमंग सिंघार के आरोप
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस घटना को लेकर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने सोशल मीडिया पर सवाल किया कि चुनाव आयोग को किस “भय” की वजह से बार-बार अपनी वेबसाइट बंद करनी पड़ रही है? उनका आरोप है कि आयोग जानबूझकर पारदर्शिता से बचने की कोशिश कर रहा है।
वोट चोरी का मुद्दा
उमंग सिंघार ने भोपाल में एक प्रेस वार्ता आयोजित कर वोट चोरी से जुड़े कई दस्तावेज जनता के सामने पेश किए। उनका दावा है कि उनके पास ऐसे ठोस प्रमाण हैं, जो चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ियां सुनियोजित तरीके से की जा रही हैं, जिससे चुनावों में धांधली का रास्ता साफ हो सके।
कांग्रेस बनाम बीजेपी, आरोप-प्रत्यारोप तेज
कांग्रेस ने इस घटना को “साजिश” करार दिया है और आरोप लगाया कि सरकार चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। वहीं, बीजेपी ने कांग्रेस के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि वेबसाइट का तकनीकी कारणों से बंद होना सामान्य बात है।
चुनाव से पहले बढ़ा तनाव
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और ऐसे समय में चुनाव आयोग की वेबसाइट का ठप होना और उस पर उठते सवाल राज्य की राजनीति को और पेचीदा बना रहे हैं। विपक्ष लगातार इसे बड़ा मुद्दा बना रहा है, वहीं सत्ताधारी दल इन आरोपों को बेबुनियाद बताकर पलटवार कर रहा है।