मां सती पद्मावती परिसर, सेज यूनिवर्सिटी के पास, आगरा–मुंबई बायपास रोड, तेजाजी नगर बुधवार को ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना। यहाँ एक भव्य कार्यक्रम में देश की चार पद्मश्री विभूतियों श्याम सुंदर पालीवाल, लक्ष्मण सिंह (लापोड़िया), हिम्मत राम भाभू और उमाशंकर पांडेय का सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय अग्रवाल और संगठन मंत्री हरीश जोशी ने विभूतियों का आत्मीय स्वागत किया। इस अवसर पर मध्य भारत क्षत्रिय राजपूत परिषद के महासचिव खेमराज बल्लू बारोड, भाजपा के वरिष्ठ नेता गणपत सिंह गौड़, तथा उज्जैन स्थित अंकित ग्राम सेवा धाम आश्रम के संचालक संत सुधीर गोयल भी उपस्थित रहे।
पद्मश्री विभूतियों का परिचय
- श्याम सुंदर पालीवाल (राजस्थान, पिपलांत्री गांव) बेटियों के जन्म पर 111 पौधे लगाने की परंपरा स्थापित कर ‘पिपलांत्री मॉडल’ से पूरे देश को प्रेरित किया।
- लक्ष्मण सिंह (लापोड़िया, जयपुर) ‘चौका प्रणाली’ के जरिये जल संरक्षण का अनूठा मॉडल खड़ा किया, जिससे 200 से अधिक गांव लाभान्वित।
- हिम्मत राम भाभू (नागौर, राजस्थान) ‘ट्री मैन ऑफ राजस्थान’ के नाम से प्रसिद्ध, हजारों पौधे लगाकर पर्यावरण व वन्यजीव संरक्षण का अभियान चलाया।
- उमाशंकर पांडेय सामाजिक कार्य और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित। उनके कार्यों ने समाज में जागरूकता और सामूहिक विकास की दिशा में नई राह दिखाई।
समारोह का गरिमामय वातावरण
कार्यक्रम की शुरुआत महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई। इसके बाद चारों पद्मश्री विभूतियों का स्वागत गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा से किया गया। मंच संचालन की जिम्मेदारी गणपत सिंह गौड़ ने संभाली और स्वागत भाषण मध्य भारत क्षत्रिय राजपूत परिषद न्यास के अध्यक्ष खुमान सिंह पटेल ने दिया। वहीं सचिव खेमराज बल्लू बारोड ने मां सती पद्मावती परिसर की विशेषताओं और समाज की सक्रियता का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।
उद्बोधन और संदेश
अपने उद्बोधन में सभी पद्मश्री विभूतियों ने उपस्थित जनों से अधिक से अधिक वृक्षारोपण का आह्वान किया। उन्होंने परिसर में लगी हरी-भरी वृक्षावलियों को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की और समाजजनों की सराहना की कि इतने बड़े पैमाने पर हरियाली को संजोए रखना वास्तव में अनुकरणीय है।
समाज की बड़ी भागीदारी
इस अवसर पर राजपूत समाज के चम्पलाल पटेल, पन्नालाल केलवा, सतीश सिंह देवड़ा, मिश्रीलाल फौजी, मुरली सिंह मस्करा, कैलाश मस्करा, दिनेश पटेल, हेमराज चन्देल, रामेश्वर बीना, जमनलाल चन्देल पंच प्यारे मित्र मंडल सहित सैकड़ों गणमान्यजन मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि यह सम्मान समारोह न केवल विभूतियों का गौरव बढ़ाता है बल्कि समाज के हर सदस्य को प्रकृति संरक्षण की प्रेरणा भी देता है।