भारत में एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink अब UIDAI से जुड़ चुकी है। इसका मतलब यह है कि यदि कोई ग्राहक स्टारलिंक का इंटरनेट कनेक्शन लेना चाहता है, तो सबसे पहले उसे आधार के जरिए अपनी पहचान की पुष्टि करनी होगी। यह कदम न केवल वेरिफिकेशन को आसान बनाएगा, बल्कि प्रक्रिया को सुरक्षित और पारदर्शी भी बनाएगा। अनुमान है कि मौजूदा क्षमता के हिसाब से स्टारलिंक भारत में लगभग 20 लाख उपभोक्ताओं को सेवाएं दे सकती है।
ग्राहकों के लिए आसान और सुरक्षित प्रोसेस
स्टारलिंक अब ग्राहक वेरिफिकेशन के लिए आधार ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करेगी। UIDAI अधिकारियों का कहना है कि यह सहयोग भारत की डिजिटल पहचान और ग्लोबल सैटेलाइट टेक्नोलॉजी का एक बेहतरीन तालमेल है। आधार आधारित ई-केवाईसी से यूजर्स बिना किसी परेशानी के जुड़ सकेंगे, साथ ही यह नियामक आवश्यकताओं के अनुरूप भी रहेगा। इससे घरों, दफ्तरों और संस्थानों को हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
आधिकारिक घोषणा और साझेदारी
इस पहल की घोषणा UIDAI के सीईओ भुवनेश कुमार, उप महानिदेशक मनीष भारद्वाज और स्टारलिंक इंडिया के निदेशक पर्निल उर्ध्वरेशे की मौजूदगी में की गई। स्टारलिंक को देश में सब-ऑथेंटिकेशन यूजर्स एजेंसी और सब-ई-केवाईसी यूजर्स एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है। भारत में सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए कंपनी ने भारती एयरटेल और रिलायंस जियो जैसी बड़ी कंपनियों के साथ भी साझेदारी की है।
एलन मस्क की बढ़ती रुचि भारत में
एलन मस्क, जो इस समय दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी माने जाते हैं, भारत में अपने निवेश को लगातार बढ़ा रहे हैं। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार उनकी कुल संपत्ति 371 अरब डॉलर है, हालांकि हाल के समय में उनकी नेटवर्थ में करीब 61 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है।
मस्क केवल सैटेलाइट इंटरनेट ही नहीं, बल्कि अपनी इलेक्ट्रिक कार कंपनी Tesla को भी भारत में स्थापित करने पर काम कर रहे हैं। उन्होंने मुंबई और दिल्ली में अपने शोरूम खोल दिए हैं और देश में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने की योजना पर भी विचार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि वह भारत में बड़ा निवेश करने की तैयारी कर रहे हैं।