कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल हुए अक्षय बम के पिता को प्रशासन ने बड़ा झटका दे दिया है। आशीष सिंह के निर्देश पर होप टेक्सटाइल की जमीन जिसे भंडारी मिल के नाम से भी जाना जाता था कि जमीन पर प्रशासनिक अमले ने कब्जा कर लिया है। प्रशासन ने इस जमीन की लीज निरस्त कर दी थी। इस जमीन की कीमत लगभग 1 हजार करोड़ रूपए के ऊपर आंकी गई है। इसके बाद होप टेक्सटाइल की 22.24 एकड़ जमीन की लीज निरस्त करते हुए तुरंत कब्जा भी हासिल किया है. इस मामले में एसडीएम प्रदीम सोनी के नेतृत्व में कब्जा भी ले लिया गया है।
इस जमीन को 2012 में तत्कालिन कलेक्टर आकाश त्रिपाठी ने सरकारी जमीन घोषित कर दिया था। होप टेक्सटाइल्स का मामला अफसरों को तब मिला था जब अधिकरी किसी मामलें में फाइल खंगाल रहे थे तो नया घोटाला सामने आ गया। होप टेक्सटाइल को सरकार ने 4.81 एकड़ जमीन की वाणिज्यिक अनुमति दी थी, लेकिन टाउन एंड कंट्री प्लानिंग वालों ने 11.93 एकड़ पर विकास अनुज्ञा दे दी थी।
क्या इस जमीन के लिए छोड़ी थी कांग्रेस?
चर्चा यह भी चल पड़ी है कि डॉ अक्षय बम ने इस जमीन के लिए ही कांग्रेस को छोड़ा था। लेकिन भाजपा में शामिल होने के बाद भी अक्षय बम इस जमीन को नहीं बचा पाए। इस जमीन की लीज इनके पिता कांतिलाल बम ने ली थी। फिर धीरे-धीरे इस जमीन पर टाउनशीप बनाने की अनुमति लेने के प्रयास शुरू हो गए थे।
कलेक्टर आशीष सिंह ने लिया निर्णय
पूर्व कलेक्टर आकाश त्रिपाठी ने जब इस जमीन को सरकारी घोषित किया तो डॉ अक्षय बम के पिता कांतिलाल बम ने याचिका दायर की थी। जिस पर अप्रैल 2025 मेंं फैंसला हो गया था लेकिन कलेक्टर के आदेश को यह कह टाल दिया गया था कि मामले में उचित सुनवाई नहीं की गई है। इसके बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने सख्त निर्णय लिया। कलेक्टर आशीष सिंह ने केस दर्ज कर कांतिलाल बम को नोटिस भेज कर इसका जवाब मांगा था। उसके बाद मिले जवाब से असंतुष्ट होकर विस्तृत आदेश कलेक्टर कोर्ट द्वारा सुनवाई करने के बाद पारित किया गया, जिसमें कस्बा इंदौर की सर्वे नम्बर 282/2 की 22.24 एकड़ जमीन की लीज तत्काल प्रभाव से निरस्त करने और तहसीलदार को मौके पर जाकर कब्जा लेने के निर्देश दिए। गुरूवार सुबह राजस्व का अमला होप टेक्सटाइल मिल की जमीन पर पहुंचा और कब्जा लेने की कार्रवाई के साथ प्रशासन का बोर्ड भी लगा दिया। वर्तमान में 4.93 एकड़ जमीन पर जिला कोर्ट की अस्थायी पार्किंग सुविधा यथावत रखी जाएगी। पिछले कुछ समय से कार्यालय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा पार्किंग सुविधा इस जमीन पर उपलब्ध कराई गई, क्योंकि कोर्ट परिसर में पार्किंग के लिए जगह ही नहीं है। 86 साल पहले होलकर स्टेट के प्रधानमंत्री ने सिक्का ऑर्डर के जरिए इस जमीन को 99 साल की लीज पर दिया था और उसके दुरुपयोग के चलते प्रशासन ने आज जमीन का कब्जा लीज निरस्त कर हासिल कर लिया। पिछले दिनों प्रबंधक होप टेक्सटाइल स्नेहलतागंज को नोटिस जारी किया था। एसडीएम जूनी इंदौर प्रदीप सोनी द्वारा तैयार किए गए प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की।