कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पुलिस ने उनके खिलाफ फ्रॉड मामले में केस दर्ज कर लिया है। आरिफ मसूद भोपाल मध्य से विधायक हैं। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत केस दर्ज हुआ है। दोषी पाए जाने पर इन धाराओं में उन्हें 10 साल की जेल हो सकती है। कांग्रेस विधायक पर धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप है।
जाली दस्तावेजों का किया इस्तेमाल
यह पूरा मामला इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज की मान्यता से जुड़ा हुआ है। इसकी मान्यता के लिए विधायक ने जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया है। आरिफ मसूद उस सोसाइटी के सचिव हैं जो कॉलेज चलाती है। एमपी हाईकोर्ट के निर्देश पर विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ भी FIR दर्ज करने को कहा है। आरोप है कि इन अधिकारियों ने 20 सालों तक मामले में साथ दिया और कॉलेज को चलने दिया। एमपी हाई कोर्ट की बेंच में जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस प्रदीप मित्तल शामिल थे। उन्होंने ADGP (टेलीकॉम) संजीव शमी के नेतृत्व में SIT बनाने का भी आदेश दिया था।
विशेष जांच दल (SIT) का गठन
डीजीपी कैलाश मकवाणा ने विधायक आरिफ मसूद के फर्जी दस्तावेजों के जरिए कॉलेज की मान्यता के मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। उच्च न्यायालय की डबल बेंच के निर्देश के बाद DGP कैलाश मकवाना ने SIT का गठन किया है। जिसमें संजीव शमी एडीजी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन हुआ है। जिसमें डी. कल्याण चक्रवर्ती डीआईजी छिंदवाड़ा रेंज और श्रीमती निमिशा पांडे एआईजी (प्रशिक्षण) पीएचक्यू भोपाल को शामिल किया गया है।
बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी से है मान्यता
मसूद ने बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी, भोपाल के कॉलेज की मान्यता रद्द करने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन, नतीजा यह हुआ कि उनके खिलाफ ही FIR दर्ज हो गई। कोर्ट ने कॉलेज के 1000 से ज्यादा छात्रों के हित में कॉलेज की मान्यता रद्द करने पर रोक लगा दी है। लेकिन, यह साफ कर दिया है कि अगले शैक्षणिक सत्र से कॉलेज में कोई नया एडमिशन नहीं होगा।