27 अगस्त को गणेश चतुर्थी का त्यौहार है। जिसे लेकर पूरे देश भर में तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही है। एमपी के जबलपुर की नेताजी सुभाष चंद्र बोस जेल में हर साल की तरह इस साल भी कैदी इको-फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएं बना रहे है। ये मुर्तियां बिल्कुल कैमिकल मुक्त है और पर्यावरण के अनुकुल भी है। कैदी इन मुर्तियो को मिट्टी, गोबर और तुलसी के बीज से बना रहे है ताकि विसर्जन के बाद ये प्रतिमाएं पर्यावरण को कोई नुकसान ना पहुंचाएं।
भगवान गणेश जी की इन प्रतिमाओं को जेल के बाहर ही स्टॉल लगाकर बेचा जा रहा है। इनकी कीमत मार्केट रेट से कम है। वहीं स्थानीय लोग भी यहां मूर्तियां खरीदने के लिए आ रहे है। खास बात ये है कि इस अनुठी पहल से कैदियों को समाज में सकारात्मक योगदान देने का मौका मिल रहा है और ये मुर्तियां लोगो को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने में मदद कर रही है। इस पहल से जेल में बंद कैदी भी समाज और पर्यावरण के प्रति समाज में सकारात्मक योगदान दे रहे है।
इस साल जबलपुर की सुभाष चंद्र बोस जेल में लगभग 200 ईको-फ्रेंडली गणेशजी की मुर्तियां बनाई गई है। जिन्हें 8 कैदियों की एक टीम ने मिलकर तैयार किया है। आपको बता दें कि जेल अधीक्षक मदन कमलेश ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य कैदियों को रचनात्मक कार्यों से जोड़ना और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना है। इन मुर्तियों का मूल्य भी बहुत कम है, जिससे आम लोगों के लिए खरीदना सुलभ है। इनकी कीमत 51 रूपए से लेकर 351 रूपये है।
ईको-फ्रेंडली प्रतिमाओं की खास बात ये है कि इन्हें घर में ही गमले में भी विसर्जित किया जा सकता है। इससे पौधे भी उग जाते है और ये प्रतिमाएं विसर्जित होने के बाद प्रकृति को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाती है। जबलपुर की इस जेल में मार्केट से भी बहुत कम दाम में अच्छी प्रतिमाएं मिल रही है।