क्या आप भी है कर्ज से परेशान? ओंकारेश्वर के इस मंदिर में चने की दाल चढ़ाने से मिलती है कर्ज से मुक्ति

मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में ओंकारेश्वर ज्योर्लिंग से भक्तों की गहरी आस्था जुड़ी है। ओंकारेश्वर ज्योर्लिंग मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक माना जाता है। साथ ही यहां ओंकारेश्वर ज्योर्लिंग नर्मदा नदी के किनारे ओंकार पर्वत पर विराजमान है। ओंकार पर्वत मंधाता पर्वत भी कहा जाता है।

भक्त यहां ओंकार पर्वत की परिक्रमा भी करते है। इस पर्वत की परिक्रमा मार्ग में कई प्राचीन मंदिर है। जिनमें से आज हम आपको बताने वाले है एक सबसे  खास और  प्राचीन मंदिर के बारे में बताने वाले है। ये एक ऐसा मंदिर है जहां भक्त कर्जे से मुक्ति पाने महादेव की शरण में आते है। इस प्रसिद्ध मंंदिर का नाम है श्री ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर।ओंकार पर्वत पर ये मंदिर नर्मदा कावेरी संगम स्थल पर है। यहां बड़ी आस्था और श्रद्धा से भक्त ऋणमुक्तेश्वर शिवलिंग पर चने की दाल चढ़ाते है।

मंदिर की पौराणिक मान्यता है कि इस मंदिर में किसी भी प्रकार के कर्ज से मुक्ति पाने के लिए भक्त सवा पाव से लेकर सवा मन तक चने की दाल चढ़ाते है। भक्त यहां महादेव को यथा शक्ति भी चने की दाल चढ़ाते है और अपनी चिंता से मुक्ति पाते है। भक्त अपने ऋण से मुक्ति पाने के लिए यहां ऋणमुक्तेश्वर महादेव को सवा मन चने की दाल अर्पित करते है।

माना जाता है कि ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर 13 वीं शताब्दी में बना था। इसके बाद 18 वीं शताब्दी में इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया। इस मंदिर में दूर-दूर से भक्त कर्जे से मुक्ति पाने के लिए आस्था और विश्वास के साथ आते है। इस मंदिर परिसर में द्वारकाधीश का भी एक प्राचीन मंदिर है।