क्या मीठा खाना भी बन सकता है फैटी लिवर की वजह? जानें कैसे करें बचाव

Fatty Liver: लिवर हमारे शरीर का सबसे अहम ऑर्गन है, जो खून को फिल्टर करने, एनर्जी स्टोर करने और डाइजेशन को सपोर्ट करने का काम करता है। लेकिन जब लिवर में जरूरत से ज्यादा फैट जमा हो जाता है, तो इसे फैटी लिवर डिजीज कहा जाता है। सामान्य स्थिति में लिवर में 5% तक फैट रहना ठीक है, लेकिन अगर यह मात्रा 10% से अधिक हो जाए तो यह सेहत के लिए खतरा बन सकता है।

फैटी लिवर क्यों होता है?

फैटी लिवर कई कारणों से हो सकता है। इसमें मोटापा, तैलीय और जंक फूड का ज्यादा सेवन, अल्कोहल, शुगर का अत्यधिक इस्तेमाल, शारीरिक गतिविधि की कमी और डायबिटीज प्रमुख वजहें हैं। इसकी सबसे बड़ी चुनौती यह है कि शुरुआती चरण में कोई स्पष्ट लक्षण दिखाई नहीं देते। धीरे-धीरे थकान, कमजोरी, पेट के दाहिनी ओर भारीपन और हल्का दर्द महसूस होना शुरू हो सकता है।

अगर लंबे समय तक इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह स्थिति आगे चलकर लिवर फाइब्रोसिस, सिरोसिस और लिवर फेलियर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। इसके अलावा, यह दिल और किडनी संबंधी रोगों का खतरा भी बढ़ा देती है।

क्या मीठा खाने से भी फैटी लिवर हो सकता है?

यह सवाल कई लोगों के मन में आता है कि क्या सिर्फ तैलीय और अल्कोहल ही फैटी लिवर की वजह हैं, या मीठा भी उतना ही खतरनाक हो सकता है? दरअसल, रिसर्च में पाया गया है कि ज्यादा शुगर, खासकर फ्रक्टोज, लिवर को उतना ही नुकसान पहुंचा सकता है जितना अल्कोहल। मिठाई, केक, चॉकलेट्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स और पैकेज्ड जूस जैसी चीजें सीधे लिवर पर असर डालती हैं।

जब हम इनका ज्यादा सेवन करते हैं, तो लिवर में फैट जमने लगता है। यही धीरे-धीरे फैटी लिवर डिजीज का रूप ले लेता है। इतना ही नहीं, मीठा खाने से वजन तेजी से बढ़ता है और मोटापा तो फैटी लिवर का सबसे बड़ा कारण माना जाता है।

फैटी लिवर से शरीर पर असर

  • थकान और कमजोरी
  • पेट में भारीपन और दर्द
  • मेटाबॉलिक हेल्थ पर असर (ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल इम्बैलेंस)
  • लंबे समय में लिवर डैमेज, सिरोसिस और लिवर फेलियर का खतरा

बचाव कैसे करें?

फैटी लिवर से बचना मुश्किल नहीं है, बस लाइफस्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव करने होंगे।

  • मीठा और प्रोसेस्ड फूड कम करें : कोल्ड ड्रिंक्स, मिठाई और पैकेज्ड जूस से दूरी बनाएं।
  • हेल्दी डाइट लें : हरी सब्जियां, फल, होल ग्रेन और प्रोटीन से भरपूर खाना खाएं।
  • फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं : रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज या योग करें।
  • वजन को कंट्रोल रखें : बढ़ा हुआ वजन लिवर पर सबसे ज्यादा दबाव डालता है।
  • अल्कोहल और तैलीय भोजन से परहेज करें।
  • रेगुलर हेल्थ चेकअप कराएं ताकि शुरुआती स्टेज में ही समस्या पकड़ी जा सके।

Disclaimer: यह जानकारी सिर्फ सामान्य जागरूकता के लिए है। पूरी तरह सही होने की गारंटी नहीं है। कोई भी स्वास्थ्य समस्या होने पर हमेशा डॉक्टर से सलाह लें।