MP के विधायकों को हर साल मिलेगे 5 करोड़ रूपए, विकास निधी हुई दोगुनी

मध्य प्रदेश सरकार ने विधायकों की स्थानीय निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए प्रतिवर्ष पांच करोड़ रुपये मिलेंगे, जो अभी ढाई करोड़ रुपये है। यह निर्णय आगामी बजट में घोषित किया जाएगा और वित्तीय वर्ष 2026-27 से प्रभावी होगा।

छोटे विकास कार्यो में नहीं होगी देरी
विधायक अब अपने निर्वाचन क्षेत्र में छोटे और मझोले विकास कार्य करवाने के लिए विधायकों को सरकार का मुंह न देखना पड़े, इसके लिए स्थानीय निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि बढ़ाई जाएगी। इसे उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड और केरल की तर्ज पर पांच करोड़ रुपये करने की तैयारी है।

बढ़ाने की लंबे समय से थी मांग
यह अभी आधी यानी ढाई करोड़ रुपये प्रतिवर्ष है। इसे बढ़ाने की मांग लंबे समय से हो रही थी, इस पर अब जाकर सहमति बनी है। आगामी बजट में इसकी घोषणा होगी और यह वित्तीय वर्ष 2026-27 से प्रभावी की जाएगी।

नेता प्रतिपक्ष ने भी की स्वेच्छानुदान एक करोड़ करने की मांग
विधानसभा में स्वेच्छानुदान को पहले बढ़ाकर ढाई करोड़ रुपये और 75 लाख रुपये स्वेच्छानुदान किया गया लेकिन विधायक इससे संतुष्ट नहीं हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि विधायकों से जनता की बहुत अपेक्षाएं होती हैं। मजरे-टोले की सड़क, नाली, चौक-चौराहों का विकास, स्कूल या आंगनवाड़ी में अतिरिक्त कक्ष का निर्माण, सामुदायिक भवन, उद्यान सहित कई अन्य छोटे-मोटे काम इस निधि से कराए जाते हैं लेकिन यह राशि अपर्याप्त होती है। इसे देखते हुए निधि ढाई से बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये प्रतिवर्ष और स्वेच्छानुदान एक करोड़ रुपये करने की मांग की जा रही है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बीच विधायकों से जुड़ी मांगों को लेकर प्रारंभिक चर्चा हो चुकी है। आगामी बजट में विधायक निधि सहित अन्य सुविधाओं का विस्तार की घोषणा कर वित्तीय वर्ष 2026-27 से प्रविधान लागू करने की तैयारी है।