इंदौर पुलिस ने रिटायर्ड हाईकोर्ट जस्टिस रमेश गर्ग के घर हुई चोरी की वारदात का खुलासा कर दिया है। इस मामले की तह तक पहुँचने के लिए पुलिस ने करीब 200 से अधिक CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली। साथ ही धार, आलीराजपुर, बड़वानी और झाबुआ जिलों के सक्रिय गिरोहों से पूछताछ भी की गई।
पुलिस की गिरफ्त में दो आरोपी
एडिशनल एसपी रुपेश द्विवेदी ने बताया कि मुखबिर की सूचना के आधार पर बांक टांडा गैंग से जुड़े दो अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए आरोपियों के नाम हैं –
- समीर उर्फ समीरा मकवाना (धार)
- सर्कल पिता इंदरसिंह मंडलोई (टांडा)
पूछताछ में आरोपियों ने अपने चार अन्य साथियों के नाम भी उजागर किए हैं। इनकी तलाश फिलहाल जारी है।
बरामदगी और जब्त सामान
पुलिस ने आरोपियों के पास से चोरी का सामान भी जब्त किया है। इसमें शामिल हैं –
- दो सोने की चेन
- एक सोने की अंगूठी
- 40 हजार रुपए नकद
- और फरारी के लिए इस्तेमाल की गई बोलेरो कार
वारदात का तरीका
यह घटना 10 अगस्त को हुई थी, जब रिटायर्ड जस्टिस रमेश गर्ग के प्रगति विहार कॉलोनी स्थित घर में तीन बदमाश हथियार लेकर घुस आए थे। आरोपियों ने खिड़की की ग्रिल काटकर अंदर प्रवेश किया और घर में मौजूद गार्ड को चकमा दे दिया। उनके पास लट्ठ, टॉमी और अन्य धारदार औजार थे।
सुबह जब जज के बेटे की पत्नी उठीं तो उन्हें कमरा अस्त-व्यस्त मिला। अलमारी खुली थी और उसमें रखे लाखों रुपए के जेवर और नकदी गायब थे। बदमाशों ने जज के बेटे पर लोहे की रॉड से हमला करने की कोशिश भी की थी।
बायपास कॉलोनियों में सक्रिय गैंग
पुलिस के अनुसार पकड़े गए आरोपी बांक टांडा गैंग के सदस्य हैं। यह गैंग रात के समय इंदौर बायपास और उसके आसपास की कॉलोनियों को निशाना बनाता था। चोरी के बाद यह गैंग कार से फरार हो जाता था।
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए ग्रामीण थानों की कई टीमों ने मिलकर अभियान चलाया और आखिरकार 12 दिन बाद इस सनसनीखेज वारदात का खुलासा हो सका।