मध्यप्रदेश के इंदौर में भगवान गणेश का एक ऐसा प्रसिद्ध मंदिर है, जहां विघ्नहर्ता गणेश अपने भक्तो की शादी में आ रही रूकावटों को हर लेते है। इंदौर के जूनी इंदौर क्षेत्र में स्थित मंदिर में भक्तो की गहरी आस्था जुड़ी है। इस ऐतिहासिक मंदिर का नाम है श्री पोटली वाले चिंतामन गणेश मंदिर, जो कि जूनी इंदौर में 500 वर्ष से भी अधिक प्राचीन है।
सबसे खास बात ये है कि इस मंंदिर में विराजमान भगवान गणेश जी अपने दाहिने हाथ में धन की पोटली लेकर बैठे है। इसलिए इन्हें पोटली वाले गणेशजी कहते है। ये मंदिर ना केवल ऐतिहासिक स्थापत्य कला का उदाहरण है, बल्कि यहां हर साल भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को श्रीगणेश जन्मोत्सव बड़े भक्तिभाव से मनाया जाता है।
मंदिर की पौराणिक मान्यता है कि यहां विवाह के लिए हर गुरुवार को हल्दी की गांठ का वितरण किया जाता है। साथ ही अगर किसी व्यक्ति के विवाह में बाधा आ रही है या अन्य कोई कार्यो में रूकावट आ रही है तो हल्दी के पूजन से उसके कार्य निर्विघ्न समपन्न हो जाते है। इस हल्दी की गांठ का लाभ देश-विदेश के कई भक्तो को मिला है अभी तक सेकड़ो भक्तों के कार्य सम्प्पन हो चुके है, इसलिए इस मंदिर पर भक्तों की गहरी आस्था जुड़ी है।
हर साल गणेश चतुर्थी पर यहां 10 दिनों तक बड़े हर्षोल्लास से गणेशोत्सव मनाया जाता है। इस साल भी श्री पोटली वाले गणेशजी के मंदिर में विशेष कार्यक्रम आयोजित हो रहे है। इस साल पोटली वाले गणेशजी की पुनः प्राण प्रतिष्ठा कर प्रतिमा को नवीन पीठिका और प्रभावेली पर स्थपित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में गणेश जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम का आयोजन 23 अगस्त 2025 से प्रारम्भ होकर 27 अगस्त 2025 तक चलेगा।
27 अगस्त को श्रीगणेश जी की प्राचीन प्रतिमा को प्राण प्रतिष्ठित कर दिया जाएगा।