“माखनचोर” शब्द नहीं आता “मोहन” को पंसद, पढ़िए फिर क्या बोले संस्कृति सलाहकार श्रीराम तिवारी

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के हाल ही में श्रीकृष्ण को लेकर दिए गए एक बयान पर हल्ला मचा हुआ है। दरअसल सीएम मोहन यादव ने एक कार्यक्रम के दौरान श्रीकृष्ण को ‘माखनचोर’ पुकारे जाने पर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि चोर कहना उचित नहीं है, जिसके पास हजारों गाय हों उसे माखन चोरी करने की क्या जरूरत। मध्य प्रदेश सरकार का कहना है कि श्रीकृष्ण को “माखनचोर” कहकर संबोधित करना उनकी गरिमा को सीमित करने जैसा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी माखन चोर जैसे शब्द पर आपत्ति उठा चुके हैं।

विद्रोह का प्रतीक था माखनचोरी
सीएम ने कहा कि भगवान का माखन के प्रति लगाव इस तरह था कि उस समय माखन कंस के घर जाता था। भगवान का आक्रोश था कि कंस हमारा माखन खाकर हम पर अत्याचार कर रहा है। इस आक्रोश को जताने के लिए उन्होंने ग्वालों की टीम बनाई कि अपना माखन खाओ या मटकी फोड़ दो, लेकिन कंस के महल तक माखन नहीं पहुंचना चाहिए। यह उनके विद्रोह का प्रतीक था। इस विद्रोह का न जाने क्या-क्या कह देते हैं। वह शब्द बोलने में भी खराब लगते हैं। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद से धार्मिक और राजनीतिक हलकों में हलचल मची हुई है।
संस्कृति सलाहकार ने बताई सरकार की मंशा
माखनचौर शब्द कहने पर सीएम की आपत्ति लेने के बाद पूरे प्रदेश में धर्मजागरण और संस्कृति के साथ मंदिर संस्थापकों में हलचल मच गई है। हर कोई अब इस शब्दो को ना बोलने पर सीएम के बयान के विरोध के स्वर उठने लगे है लेकिन इसी बीच प्रदेश के संस्कृति सलाहकार श्रीराम तिवारी ने कहा कि सरकार का मकसद किसी परंपरा या लोककथाओं का अपमान करना नहीं है, बल्कि लोगों को यह समझाना है कि श्रीकृष्ण का जीवन केवल माखन की लीलाओं तक सीमित नहीं था। उनके पास हजारों गायें थीं, ऐसे में उन्हें माखन चुराने की आवश्यकता ही नहीं थी। श्रीकृष्ण का असली स्वरूप धर्म, नीति और आदर्शों का संदेश देने वाला है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का उद्देश्य सिर्फ मिथ्या धारणा की तरफ ध्यान दिलाना हैं।

मिथ्या धारणा और विसंगति से कराएंगे अवगत
संस्कृति सलाहकार ने कहा कि हमारे देवी-देवतियों और भारत के इतिहास को लेकर अनुचित बाते की जाती हैं। इन्हीं मिथ्या धारणा और विसंगति की तरफ लोगों का ध्यान दिलाना और भाव बदलना हैं। इसको लेकर कोई अभियान चलाने जैसी कोई बात नहीं हैं। समाज के बीच धर्मगुरु, कथावाचक और भागवत ज्ञान प्रतियोगिताओं से सही बातों को लेकर जाएंगे।

प्रदेश में संवरेंगे श्री कृष्ण से जुड़े स्थल
तिवारी ने कहा कि सरकार मध्य प्रदेश में भगवान से जुड़े स्थलों का जल्द ही सर्वे करेगी। भगवान श्रीकृष्ण ने उज्जैन में शिक्षा ली, अमझेरा में रुकमणि प्रसंग, जानापाव से सुदर्शन चक्र का संबंध अब रायसेन में उनका वर्षों पुराना मंदिर मिला है। भारतीय संस्कृति के इन गौरव स्थलों संरक्षित करना और उनसे जुड़े संदेश को जन जन तक पहुंचाने का काम किया जाएगा।