मध्य प्रदेश में मौसम का सिस्टम अब धीरे-धीरे कमजोर होता नजर आ रहा है। मौसम विभाग ने मंगलवार के लिए पूरे प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी नहीं दी है। केवल उज्जैन संभाग के नीमच और मंदसौर जिलों के लिए ही रेडार पर भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं भोपाल समेत प्रदेश के बाकी हिस्सों में हल्की बारिश का क्रम जारी रहेगा। इसके लिए विभाग ने यलो अलर्ट लागू किया है। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के मुताबिक, अगले तीन दिनों तक प्रदेश के कुछ ही जिलों में तेज बारिश की संभावना है, जबकि अन्य क्षेत्रों में सिर्फ छिटपुट या हल्की बारिश देखने को मिलेगी।
सोमवार को 15 जिलों में बरसे बादल
बीते दिन सोमवार को मानसून ट्रफ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम का असर प्रदेश के उत्तरी हिस्से में दिखाई दिया। इसकी वजह से ग्वालियर सहित करीब 15 जिलों में बारिश हुई। राजधानी भोपाल में दोपहर के समय करीब आधे घंटे तक जोरदार बारिश हुई, जिससे मौसम ठंडा हो गया और लोगों को उमस से राहत मिली। इसी तरह ग्वालियर, नर्मदापुरम, इंदौर, पचमढ़ी, रतलाम, शाजापुर, श्योपुर, उज्जैन, छिंदवाड़ा, सागर, सतना और धार जिलों में भी हल्की से मध्यम बारिश रिकॉर्ड की गई।
सीजन में अब तक 96% बारिश पूरी
इस मानसून सीजन में मध्य प्रदेश ने अब तक औसतन 35.5 इंच बारिश प्राप्त कर ली है। जबकि इस समय तक सामान्यतः 28.6 इंच बारिश होना चाहिए थी। यानी कि प्रदेश में करीब 6.9 इंच अधिक पानी बरस चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश की औसत सामान्य बारिश 37 इंच होती है। इस हिसाब से देखा जाए तो मध्य प्रदेश में अब तक 96 प्रतिशत बारिश हो चुकी है और महज़ डेढ़ इंच बारिश और होते ही इस साल का पूरा कोटा पूरा हो जाएगा।
सबसे ज्यादा और सबसे कम बारिश वाले जिले
यदि जिलेवार आंकड़ों पर नज़र डालें तो इस बार सबसे ज्यादा बारिश गुना जिले में दर्ज की गई है, जहां अब तक 53.3 इंच पानी गिर चुका है। इसके बाद मंडला जिले में 52.7 इंच, अशोकनगर में 50.3 इंच, रायसेन में 49.7 इंच और श्योपुर जिले में 49.5 इंच बारिश दर्ज हुई है। दूसरी ओर, इंदौर, धार, बड़वानी, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन और शाजापुर जैसे जिलों में बारिश का आंकड़ा अभी तक 20 इंच तक भी नहीं पहुंच पाया है। यानी कि इन इलाकों में इस सीजन बारिश काफी कम हुई है और यहां के किसानों व आम जनता को अब भी अधिक बारिश का इंतजार है।