Ganesh Chaturthi 2025 : हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का पर्व बेहद खास माना जाता है। इस दिन गणपति बप्पा को घर लाकर श्रद्धापूर्वक उनकी स्थापना की जाती है और दस दिनों तक पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस बार गणेशोत्सव 27 अगस्त से शुरू होकर 6 सितंबर को समाप्त होगा। भक्त इस दौरान भगवान गणेश से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति का आशीर्वाद मांगते हैं।
क्यों वर्जित है चतुर्थी का चांद देखना?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन करना अशुभ माना जाता है। कहा जाता है कि उस दिन चांद देखने से व्यक्ति पर झूठा कलंक लग सकता है। यही कारण है कि इस दिन चांद देखने से बचने की सलाह दी जाती है।
यदि गलती से चांद दिख जाए तो क्या करें?
अक्सर अनजाने में लोग चतुर्थी की रात चांद देख लेते हैं। ऐसी स्थिति में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि कुछ धार्मिक उपाय करने चाहिए जो कलंक दोष से मुक्ति दिलाते हैं।
विशेष मंत्र का जाप
अगर गलती से चांद देख लिया जाए तो “सिंहः प्रसेनमवधीत्सिंहो जाम्बवता हतः। सुकुमारक मारोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः॥” मंत्र का श्रद्धा से जाप करना चाहिए।
गणेश पूजा और अर्पण
चतुर्थी की रात चांद देखने पर भगवान गणेश की विशेष पूजा करें और उन्हें फल, फूल एवं मिठाई अर्पित करें। इससे दोष का प्रभाव कम होता है।
दान का महत्व
धर्म शास्त्रों में दान को कलंक दोष से मुक्ति का उपाय बताया गया है। गलती से चांद दिख जाए तो जरूरतमंदों को अनाज, फल, वस्त्र या सोने-चांदी का दान करना चाहिए।
स्यमन्तक मणि कथा का पाठ
श्रीमद्भागवत पुराण में वर्णित स्यमन्तक मणि की कथा पढ़ना या सुनना भी लाभकारी माना गया है। यह कथा गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन के दोष को समाप्त करती है।
प्रतीकात्मक उपाय
कई लोग परंपरा के अनुसार चांद देखने के बाद एक छोटा पत्थर उठाकर चंद्रमा की ओर फेंकते हैं। इसे प्रतीकात्मक रूप से दोष निवारण का उपाय माना जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में स्पष्ट कहा गया है कि गणेश चतुर्थी की रात चंद्र दर्शन करने से बचना चाहिए। अगर अनजाने में चांद दिख भी जाए तो घबराने की बजाय ऊपर बताए गए उपाय श्रद्धा पूर्वक करने चाहिए। ऐसा करने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति कलंक के दोष से मुक्त हो जाता है।