अमित शाह के निवास पर पहुंची मोहन सरकार, लैंड पुलिंग प्लान पर नहीं बनी पूरी सहमति

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंगलवार शाम अपनी पूरी प्रशासनिक टीम के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निवास पर पहुंचे। इस बैठक में सिंहस्थ 2028 की तैयारियों और उससे जुड़े लैंड पुलिंग प्रोजेक्ट को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।

प्रशासनिक अधिकारियों का बड़ा डेलिगेशन

सीएम यादव के साथ इस बैठक में CS अनुराग जैन, ACS अर्बन संजय दुबे, ACS डॉ. राजेश राजोरा, ACS CM नीरज मंडलोई, डीजीपी EOW उपेंद्र जैन, CM सचिव डॉ. इलैया राजा, उज्जैन मेला अधिकारी आशीष सिंह, उज्जैन DM रोशन सिंह, नगर निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा, उज्जैन विकास प्राधिकरण सीईओ संदीप सोनी और वरिष्ठ अधिकारी अविनाश लावनिया मौजूद रहे। सभी अधिकारी अमित शाह के सामने लैंड पुलिंग के फायदे और मेला क्षेत्र की आवश्यकताओं को विस्तार से प्रस्तुत करने पहुंचे थे।

“पक्का निर्माण क्यों?”

बैठक के दौरान अमित शाह ने अधिकारियों से बार-बार यह सवाल किया कि आखिर मेला क्षेत्र में पक्के निर्माण की आवश्यकता क्यों है? शाह का कहना था कि यदि सरकार स्थायी निर्माण करेगी तो बाद में जमीन मालिक और किसान भी पक्का निर्माण करने लगेंगे, जिसे रोकना मुश्किल हो जाएगा। इस दौरान सीएम डॉ. यादव अपेक्षाकृत चुप रहे जबकि अधिकारी अपनी सफाई और तर्क पेश करते रहे।

दिल्ली दरबार की नाराज़गी और असहमति

चर्चा के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि कुछ बिंदुओं पर बीएल संतोष ने नाराजगी भी जताई। वहीं, अमित शाह ने अधिकारियों की प्रेजेंटेशन सुनने के बावजूद लैंड पुलिंग की योजना पर पूरी तरह सहमति नहीं जताई।

सिंहस्थ 2028 की तैयारियों पर संशय

मध्यप्रदेश सरकार करीब 2400 हेक्टेयर भूमि को लैंड पुलिंग योजना के तहत विकसित करके सिंहस्थ 2028 का आयोजन करना चाहती है। लेकिन बैठक के बाद साफ संकेत मिल रहे हैं कि दिल्ली दरबार इस प्रस्ताव से पूरी तरह सहमत नहीं है। अफसर फायदे गिनाते रहे, पर अमित शाह को मनाना आसान नहीं रहा।

बैठक के बाद अफसरों को रवाना कर दिया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अमित शाह से अलग से बंद कमरे में मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस दौरान मुख्य सचिव (CS) के एक्सटेंशन से जुड़े मुद्दे पर भी चर्चा हुई होगी।