विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर में इस साल गणेश चतुर्थी पर आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। इंदौर ही नहीं बल्कि पूरे देश से भक्त यहां दर्शन करने पहुंचे। मंदिर प्रशासन के अनुसार, सिर्फ पहले दिन ही लगभग 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। भक्तों की सुविधा को देखते हुए मंदिर का पट लगातार 24 घंटे दर्शनार्थियों के लिए खुला रहेगा।
करोड़ों के गहनों से हुआ खजराना गणेश का भव्य श्रृंगार
गणेश चतुर्थी के अवसर पर खजराना गणेश का श्रृंगार इस बार खास रहा। मंदिर में गणपति को 5 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के सोने, हीरे और नवरत्नों के गहनों से सजाया गया। भगवान गणेश के सिर पर लगभग 5 करोड़ का मुकुट धारण कराया गया, जबकि गर्भगृह को चांदी से अलंकृत किया गया। विदेशी और वृंदावन से लाए गए फूलों से पूरा मंदिर सजाकर एक दिव्य वातावरण तैयार किया गया।
आम से लेकर खास तक, सभी खींचे आते हैं खजराना गणेश के दरबार
खजराना गणेश मंदिर न केवल आम भक्तों की आस्था का केंद्र है, बल्कि बॉलीवुड और क्रिकेट जगत की कई हस्तियां भी यहां नियमित रूप से दर्शन के लिए आती हैं। अमिताभ बच्चन, सारा अली खान और क्रिकेटर रोहित शर्मा हर साल यहां गणपति के दर्शन कर आशीर्वाद लेते हैं। यही वजह है कि यह मंदिर देशभर में भक्तों के बीच खास पहचान बनाए हुए है।
भक्तों की लंबी कतारें और उत्साह का माहौल
मंदिर में गणेश चतुर्थी के पहले ही दिन से भक्तों का उत्साह चरम पर रहा। रात 12 बजे जैसे ही गर्भगृह के पट खोले गए, वैसे ही दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लग गईं। सुबह से ही मंदिर परिसर पूरी तरह भक्तों से खचाखच भर गया। भक्तजन विघ्नहर्ता गणेश के दर्शन कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि और जीवन की समस्याओं से मुक्ति की कामना कर रहे थे।
लगभग 300 साल पुराना है खजराना गणेश मंदिर का इतिहास
खजराना गणेश मंदिर का इतिहास भी उतना ही गौरवशाली है। इसका निर्माण होलकर वंश की महारानी देवी अहिल्याबाई होल्कर ने 1735 में करवाया था। कहा जाता है कि उस समय मुगल बादशाह औरंगजेब के हमलों से बचाने के लिए गणेश जी की मूर्ति को एक कुएं में छिपा दिया गया था। बाद में अहिल्याबाई होल्कर ने उस मूर्ति को बाहर निकलवाकर खजराना में मंदिर की स्थापना करवाई। तब से लेकर आज तक यह मंदिर मनोकामना पूर्ण करने वाला धाम माना जाता है।
प्रबंधन और परंपरा
मंदिर का प्रबंधन आज भी भट्ट परिवार के पास है, जिसने मूर्ति को खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। यही कारण है कि विशेष रूप से बुधवार और रविवार को यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।