भारत पर बढ़ रहा वैश्विक भरोसा, सप्लाई चेन में चीन की जगह ले रहा हिंदुस्तान

भारत की अर्थव्यवस्था लगातार मज़बूत हो रही है और इसका असर अब वैश्विक सप्लाई चेन पर भी दिखाई देने लगा है। चीन जैसे देशों पर निर्भरता घटाने के लिए विदेशी कंपनियां अब भारत में निवेश कर रही हैं। सरकार से मिलने वाले प्रोत्साहन और नीतिगत सहयोग ने भारत को निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना दिया है।

2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, भारत 2027 तक जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसकी बड़ी वजह है भारत का सुशिक्षित युवा कार्यबल और इसकी भौगोलिक स्थिति, जो मध्य पूर्व, यूरोप और एशियाई देशों से नज़दीकी बनाए रखती है। यही कारण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए एक आदर्श स्थान बनकर उभर रहा है।

भारत क्यों है निवेशकों की पहली पसंद?

भारत अपनी विशाल जनसंख्या, उपभोक्ता बाज़ार, कम परिचालन लागत और अंतरराष्ट्रीय बाजार से गहरे जुड़ाव की वजह से सप्लाई चेन डाइवर्सिफिकेशन के लिए एक सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प बन चुका है। व्यापार करने में आसानी, विदेशी निवेश के लिए खुले क्षेत्र और तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था ने भारत की स्थिति को और मज़बूत कर दिया है।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को सरकारी सहयोग

भारत सरकार लगातार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मज़बूत बनाने में जुटी है। 2019 में शुरू हुई राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति (NPE) ने सेमीकंडक्टर, ग्राफिक्स चिप्स और मदरबोर्ड जैसे अहम इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के विकास को बढ़ावा दिया। इसके बाद प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम ने घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को नई ऊर्जा दी। आज यह योजना 14 से अधिक उद्योगों तक विस्तार पा चुकी है।

किन उद्योगों ने निभाई अहम भूमिका?

भारत के एयरोस्पेस, डिफेंस, मेडिकल डिवाइस, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री ने देश के आर्थिक विकास को गति दी है। इन क्षेत्रों का मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम न केवल गतिशील है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में भी सक्षम साबित हो रहा है।

मेक इन इंडिया: भारत की वैश्विक पहचान

2014 में शुरू किया गया मेक इन इंडिया अभियान विदेशी निवेश को आकर्षित करने में बड़ी सफलता साबित हुआ है। इस पहल का उद्देश्य है निवेश को आसान बनाना, नवाचार को प्रोत्साहन देना, स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा देना और उच्चस्तरीय मैन्युफैक्चरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करना।

बिज़नेस सेक्टर क्यों चुन रहा भारत?

हाल ही में आयोजित वेबिनार “क्यों भारत अगला मैन्युफैक्चरिंग हब है” में विशेषज्ञों ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारें दोनों मिलकर निवेशकों को हर तरह का सहयोग दे रही हैं। इसके साथ ही बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है, जिससे भारत आने वाले समय में वैश्विक सप्लाई चेन का प्रमुख केंद्र बन सकता है।.