केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने वर्ष 2026 में होने वाली 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस कड़ी में बोर्ड ने स्कूलों के प्रिंसिपलों को विशेष निर्देश जारी किए हैं। सीबीएसई ने न केवल परीक्षा के लिए लिस्ट ऑफ कैंडिडेट्स (LOC) जमा कराने का आदेश दिया है, बल्कि साथ ही छात्रों की मार्कशीट और सर्टिफिकेट में नाम और जन्मतिथि जैसी त्रुटियों को सुधारने के लिए नया सिस्टम भी लागू करने की घोषणा की है।
लिस्ट ऑफ कैंडिडेट (LOC) के बाद जारी होगी डेटा वेरिफिकेशन स्लिप
सीबीएसई द्वारा जारी सर्कुलर के मुताबिक, स्कूलों को सबसे पहले बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की सूची जमा करनी होगी। इसके बाद बोर्ड की ओर से छात्रों को एक डेटा वेरिफिकेशन स्लिप प्रदान की जाएगी। इस स्लिप में परीक्षार्थी का नाम, माता-पिता का नाम, जन्म तिथि और चुने गए विषयों की जानकारी होगी।
गलतियों की पहचान और सुधार का मौका
बोर्ड ने साफ किया है कि यदि इस वेरिफिकेशन स्लिप में किसी भी प्रकार की गलती पाई जाती है, तो उसे परीक्षा से पहले ही सुधारा जा सकेगा। इसका अर्थ है कि छात्रों को अपने नाम, जन्मतिथि या विषयों से जुड़ी त्रुटियों को सुधारने का मौका समय रहते मिलेगा। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि बोर्ड परीक्षा के बाद मार्कशीट और सर्टिफिकेट में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न रह जाए।
सुधार की तय तिथियां और प्रक्रिया
सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि वेरिफिकेशन स्लिप में पाई गई गलतियों को सुधारने के लिए छात्रों और स्कूलों को अक्टूबर 2025 में समय दिया जाएगा। बोर्ड के अनुसार, यह सुधार प्रक्रिया 13 अक्टूबर से 27 अक्टूबर 2025 तक चलेगी। इस अवधि में स्कूल और छात्र आवश्यक सुधार कर सकेंगे।
परीक्षा के बाद सुधार का कोई अवसर नहीं
बोर्ड ने यह भी साफ कर दिया है कि निर्धारित समयसीमा समाप्त होने के बाद किसी भी प्रकार का सुधार नहीं किया जाएगा। यानी यदि छात्र या अभिभावक इस अवसर को चूक जाते हैं, तो परीक्षा के बाद मार्कशीट और सर्टिफिकेट में किसी प्रकार की गलती को ठीक करने का मौका नहीं मिलेगा।