इंदौर की शान सराफा चौपाटी जो कभी सराफा एसोसिएशन की पसंद थी। यहां एसोसिएशन के लोग ही इसकी तारिफ करते ना थकते थे। यहां दिन में खरीददारी करने आने वाले ग्राहको से भी देर रात आ कर चौपाटी का जायका लेने का निवेदन कर दिया करते थे आज वहीं एसोसिशन, सराफा चौपाटी को यहां से पूरी तरह हटाने की मांग कर रहा है। अचानक से क्या हुआ कि सराफा चौपाटी – सोना-जेवरात एसोशियन को चुभने लगी, इसका मुख्य कारण तो अब तक सामने नहीं आया है ।
लेकिन यहां देर रात तक चौपाटी लगाने वाले लोगों ने दबी जुबान में यह बात जरूर कह दी है कि अब यहां पर दुकानें लगाने के लिए दुकान संचालकों से चंदा वसूली जरूर की जा रही है। सराफा चौपाटी को बचाने के लिए ढाई करोड़ रूपए की चंदा वसूली की जा रही है। इसमें 80 की बजाए 110 दुकानों को व्यंजन बेचने वालों में शामिल करने की योजना है।
10 बजे तक दुकानें खुली रखना चाहते है व्यापारी
सराफा बाजार में सोने चांदी के व्यापारियों और खानपान की चौपाटी लगाने वालों में विवाद सुलझता नजर नहीं आ रहा है। सराफा के व्यापारियों ने घोषणा की है कि वे रात्रि 10 बजे तक अपनी दुकानें खुली रखेंगे और चौपाटी लगाने वाले दुकानदारों को प्रवेश नहीं करने देंगे। यदि वो प्रवेश करने की कोशिश करेंगे तो उन्हें रोका जाएगा। इस मामले में सराफा एसोसिएशन ने सभी सोने चांदी के व्यापारियों से सहमति के फॉर्म भी भरवा लिए हैं।
महापौर बोले वहीं पर लगेगी चौपाटी
महापौर का कहना है कि सराफा चौपाटी की अंतरर्राष्ट्रीय ब्रांडिंग हो चुकी है, इसलिए वो वहीं लगेगी। ये हो सकता है कि 200 के बजाय परंपरागत रूप से लगती की बजाए 80 दुकानें ही लगें। वहीं सराफा व्यापारियों का कहना है कि सराफा में चौपाटी लगने की कोई परंपरा ही नहीं थी और न ही कोई धरोहर है। इन दुकानों को लगाने की सहमति हम व्यापारियों ने दी थी और अब जबकि स्थिति खराब हो गई है तो सहमति वापस ले रहे हैं। इसमें विवाद है कहां?
प्रदेश भाजपा ने मांगी जानकारी
सूत्रों ने बताया कि सराफा का ये विवाद प्रदेश भाजपा तक पहुंच गया है। वहां से मामले की पूरी जानकारी मांगी गई है। माना जा रहा है कि आजकल में जनप्रतिनिधियों से ये विवाद निपटाने के लिए कहा जाएगा।
जांच रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं कर रहे महापौर
एसोसिएशन के मंत्री बसंत सोनी बोले 2024 में महापौर और अन्य अधिकारियों के द्वारा बनाई गई कमेटी ने एक जांच रिपोर्ट तैयार की थी। यह रिपोर्ट सार्वजनिक न करने पर भी सराफा व्यापारियों में नाराजगी है। बसंत सोनी बोले इस रिपोर्ट में चौपाटी हटाने के लिए कई बातें बताई गई थी। व्यापारियों का कहना है कि रिपोर्ट में चौपाटी हटाने का अभिमत देने वाले अब विवाद से बचने के लिए खामोश हो गए हैं। एसोसिएशन के कार्यकारिणी सदस्य अविनाश शास्त्री बोले हमें तो हैरानी है कमेटी की रिपोर्ट को आज तक सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया। हमने कई बार रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग भी की। अध्यक्ष हुकुम सोनी ने कहा कि रिपोर्ट में 80 दुकानें लगाने जैसा कोई जिक्र नहीं था। रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए।