मध्यमर्गीय या कहे कम आय वाले लोग आज भी सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से पीछे हट जाते है। वह कभी हमें जरूरत नहीं या हम सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठाते कह कर योजना का लाभ नहीं लेते है। इसके विपरित प्रदेश के बड़नगर में एकता बस सर्विस का संचालन करने वाले करोड़पति परिवार के द्वारा पिछड़ा वर्ग विदेश अध्ययन योजना का लाभ उठाने का मामला सामने आया है। यह इतना सक्षम परिवार है कि जो स्वयं के खर्च पर विदेशों में अध्यन कर सकता है लेकिन इस परिवार ने गरीबों का हक मार कर स्वयं सरकारी योजन का लाभ उठा कर यह बता दिया कि
ओबीसी महासभा ने किया विरोध
एकता बस सर्विस के करोड़पति परिवार के वारिस मोहम्मद मुर्तजा द्वारा कम आय बताकर फर्जीवाड़ा किया गया है। जिसके उजागर होने पर ओबीसी महासभा की ने कड़ी कार्रवाई करने और चयन रोकने की मांग की है। मध्य प्रदेश शासन की पिछड़ा वर्ग विदेश अध्ययन योजना 2025 का उद्देश्य है कि आर्थिक रूप से कमजोर और पिछड़े वर्ग से आने वाले छात्र-छात्राओं को विदेश में उच्च शिक्षा हेतु वित्तीय सहयोग प्रदान किया जा सके। लेकिन, हाल ही में उजागर हुआ मोहम्मद मुर्तजा प्रकरण इस योजना की साख और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
परिवार के पास है 30 से अधिक बसे
मोहम्मद मुर्तजा, जो कि उज्जैन जिले के बड़नगर में रहता है। करोड़पति परिवहन कारोबारी परिवार का बेटा है। उसका परिवार एकता बस सर्विस/एकता ट्रैवल्स का मालिक है, जिसके पास 30 से अधिक बसें एवं करोड़ों का टर्नओवर है। इस परिवार की वार्षिक आय लगभग ₹1 करोड़ आंकी गई है। इंदौर, उज्जैन और भोपाल में इस परिवार के कई प्लॉट्स और संपत्तियां मौजूद हैं।
दलाल नेटवर्क साजो कंसल्टेंसी की ली मदद
मुर्तजा ने दलाल नेटवर्क (श्वेता जैन – साजो कंसल्टेंसी, इंदौर ) की मदद से ₹8 लाख से कम वार्षिक आय का फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर लिया और योजना के तहत ₹50 लाख की स्कॉलरशिप हड़पने का प्रयास किया। श्वेता जैन (साजो कंसल्टेंसी) जैसे एजेंटों से सांठगांठ जो की पहले से 25 करोड़ का घोटाला करके बैठे है जैसे नयन शर्मा का फर्जी जाति प्रमाण पत्र विभागीय अधिकारियों की लापरवाही व मिलीभगत गरीब छात्रों का हक छीनना और शासन से करोड़ों की ठगी करने जैसा खेल खेला गया है।
ओबीसी महासभा ने उठाए सवाल कार्रवाई की मांग
ओबीसी महासभा ने सवाल उठाया है कि मोहम्मद मुर्तजा का चयन तत्काल निरस्त किया जाए। उसके विरुद्ध FIR दर्ज कर आपराधिक कार्यवाही की जाए (IPC धारा 420, 467, 468, 471, 120-B)। उसकी आय और संपत्ति की पुनः जांच SDM/Collector उज्जैन द्वारा की जाए। साजो कंसल्टेंसी (श्वेता जैन) को ब्लैकलिस्ट किया जाए और उसके खिलाफ भी पुलिस FIR कार्रवाई हो। विभाग के उन अधिकारियों की पहचान कर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए जिन्होंने इस घोटाले को संभव बनाया।
महासभा ने दी चेतावनी
यदि 15 दिनों के भीतर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो ओबीसी महासभा एवं आदिवासी संगठनों द्वारा भोपाल स्थित पिछड़ा वर्ग कल्याण आयुक्त कार्यालय का घेराव किया जाएगा। मामला माननीय उच्च न्यायालय, EOW, लोकायुक्त और अन्य कानूनी मंचों पर उठाया जाएगा। यह मामला केवल मुर्तजा तक सीमित नही है। बल्कि यह केवल एक छात्र का मामला नहीं है, बल्कि यह योजना में चल रहे व्यापक फर्जीवाड़े और संगठित कार्टेल का उदाहरण है।यदि तुरंत कठोर कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले समय में और भी करोड़पति परिवारों के वारिस गरीब छात्रों का हक मारते रहेंगे और योजना की मूल आत्मा समाप्त हो जाएगी।