कर्तव्य के प्रति समर्पण, सतत निगरानी और नवाचार की इच्छा ही किसी भी संगठन को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने का माध्यम बनती है। पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल ने इस सिद्धांत को चरितार्थ करते हुए मालगाड़ियों के संचालन में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है।
दिनांक 30 अगस्त, 2025 को Ratlam मंडल में मालगाड़ियों की औसत गति 35.36 किमी प्रति घंटा दर्ज की गई, जो मंडल के अब तक के रिकॉर्ड में सर्वोच्च दैनिक गति है। यह उपलब्धि रतलाम मंडल के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर मानी जा रही है।
रतलाम मंडल के अंतर्गत नागदा-गोधरा, नागदा-भोपाल, रतलाम-चित्तौड़गढ़, इंदौर-भोपाल सहित अन्य प्रमुख रेल खंडों पर प्रतिदिन औसतन 200 से अधिक यात्री गाड़ियों का संचालन किया जाता है। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में यात्री गाड़ियों के संचालन के बीच मालगाड़ियों की औसत गति को इस स्तर तक ले जाना अत्यंत सराहनीय है।
इस सफलता के पीछे विभिन्न विभागों के मध्य सुनियोजित समन्वय, क्रू एवं मानवशक्ति का दक्ष उपयोग, और 46 क्रैक ट्रेनों का कुशल संचालन प्रमुख रहे। इसके अतिरिक्त, क्रैक ट्रेनों के पाथ की निरंतर निगरानी भी इस सफलता में निर्णायक साबित हुई।
मालगाड़ियों की गति में सुधार से न केवल अधिक संख्या में फ्रेट ट्रेनों का संचालन संभव होता है, बल्कि इससे यात्री गाड़ियों के लिए सुगम पाथ भी उपलब्ध होता है, जिससे परिचालन की समग्र गुणवत्ता में वृद्धि होती है।
यह उपलब्धि यह भी दर्शाती है कि रतलाम मंडल की कार्यप्रणाली एवं दक्षता में लगातार सुधार हो रहा है। मंडल द्वारा एक ओर जहाँ यात्री ट्रेनों की गति बढ़ाने हेतु सतत प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मालगाड़ियों के संचालन की भी सघन निगरानी की जा रही है, ताकि उनकी डिटेंशन को न्यूनतम रखते हुए मानव संसाधन का अधिकतम उपयोग किया जा सके और ट्रेनों की गति को सर्वोच्च स्तर तक पहुँचाया जा सके।