मैनकाइंड फार्मा (Mankind Pharma) के इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) को निवेशकों से जोरदार प्रतिक्रिया मिली है। अब सभी की निगाहें शेयरों के अलॉटमेंट पर टिकी हैं। आपको बता दें कि दिग्गज फार्मा कंपनी मैनकाइंड फार्मा कंपनी का आईपीओ 25 अप्रैल को ओपन हुआ था और वही आपको बता दें कि इस कंपनी के आईपीओ को सब्सक्राइब करने का मौका 27 अप्रैल तक का ही था।
और आपको बता दें कि 27 अप्रैल तक जिन निवेशकों ने इस कंपनी के शेयर में अपने पैसे इन्वेस्ट कर दिए होंगे उनके लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है क्योंकि इस कंपनी के शेयर ग्रे मार्केट में अच्छा परफॉर्मेंस करते दिख रहे हैं। मैनकाइंड फार्मा लिमिटेड कंपनी के शेयर कल 16% ऊपर की ओर उठते दिखे हैं आपको बता दें कि परसों इस कंपनी के शेयर का प्राइस ₹92 पर ट्रेड कर रहा था और आज इस कंपनी के शेयर में ₹16 की वृद्धि के साथ इस कंपनी का शेयर₹108 पर ट्रेड कर रहा है।
और वही आपको बता दें कि यदि इस कंपनी का शेयर ऐसे ही परफॉर्मेंस करता रहा तो इस कंपनी के शेयर 1188 रुपए पर लिस्टेड हो सकते हैं और आपको बता दें कि इस कंपनी आईपीओ का प्राइस बोर्ड 1026 से लेकर ₹1080 तक तय किया गया था और वही आपको बता दें कि एक्सपर्ट के अनुसार 8 मई को इस कंपनी के शेयर की लिस्टिंग हो सकती है।
रिटेल निवेशक को मिनिमम एक लॉट यानी 13 शेयरों के लिए अप्लाई करना होगा। कंपनी ने IPO का प्राइज बैंड 1026-1080 रुपए प्रति शेयर रखा है। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड 1080 रुपए के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाई करते हैं तो आपको 14,040 रुपए लगाने होंगे। रिटेल निवेशक मैक्सिमम 14 लॉट यानी 182 शेयर के लिए 196,560 रुपए की बोली लगा सकते हैं।
IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपनी कंपनी के शेयर्स को लोगों को ऑफर करती है तो इसे IPO कहते हैं। कंपनियों के द्वारा ये IPO इसलिए जारी किया जाता है जिससे वह शेयर बाजार में आ सके। शेयर बाजार में उतरने के बाद कंपनी के शेयरों की खरीदारी और बिकवाली शेयर बाजार में हो सकेगी। यदि एक बार कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग की इजाजत मिल जाए तो फिर इन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है। इसके बाद शेयर को खरीदने और बेचने से होने वाले फायदे और नुकसान में भागीदारी निवेशकों की होती है।
कंपनी IPO क्यों जारी करती है?
जब किसी कंपनी को अपना काम बढ़ाने के लिए पैसों की जरूरत होती है तो वह IPO जारी करती है। ये IPO कंपनी उस वक्त भी जारी कर सकती है जब उसके पास धन की कमी हो वह बाजार से कर्ज लेने के बजाय IPO से पैसा जुटाना चाहती हैं। शेयर बाजार में लिस्टेड होने के बाद कंपनी अपने शेयरों को बेचकर पैसा जुटाती है। बदले में IPO खरीदने वाले लोगों को कंपनी में हिस्सेदारी मिल जाती है। मतलब जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के खरीदे गए हिस्से के मालिक होते हैं।