पंजाब में 37 साल बाद तबाही मचाने वाली बाढ़, अब तक 30 की मौत और लाखों लोग प्रभावित

पंजाब इस समय अपनी कई दशकों की सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। बारिश और नदियों के उफान ने हालात इतने बिगाड़ दिए हैं कि अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 3.5 लाख लोग प्रभावित हो गए हैं। 1988 के बाद पहली बार राज्य इस तरह की त्रासदी से गुजर रहा है।

राज्य के सभी 23 जिले घोषित हुए बाढ़ प्रभावित

राज्य सरकार द्वारा मंगलवार को जारी बुलेटिन के अनुसार, अब पंजाब के सभी 23 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया गया है। इससे पहले केवल 12 जिलों में बाढ़ का असर दिख रहा था, लेकिन हालात बिगड़ते-बिगड़ते अब 1,400 गांव पूरी तरह से पानी की चपेट में आ गए हैं। अकेले पठानकोट जिले में सबसे ज्यादा 6 लोगों की जान गई है।

20 हजार से अधिक लोगों का हुआ रेस्क्यू

प्रशासन और राहत दलों की ओर से लगातार बचाव कार्य चल रहे हैं। अब तक लगभग 20,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रभावित इलाकों में सेना और एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं और नावों व हेलिकॉप्टरों की मदद से राहत कार्य किया जा रहा है। इसके बावजूद हजारों लोग अभी भी कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं।

आईपीएस अधिकारियों का सहयोग और राहत राशि का संकल्प

पंजाब के आईपीएस अधिकारियों ने राज्य के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन देने का निर्णय लिया है। डीजीपी गौरव यादव ने इसे चल रहे राहत और पुनर्वास प्रयासों को मजबूत करने का एक विनम्र प्रयास बताया है। यह कदम प्रभावित परिवारों के प्रति प्रशासनिक तंत्र की संवेदनशीलता को दर्शाता है।

हरियाणा सरकार ने बढ़ाया मदद का हाथ

पंजाब और जम्मू-कश्मीर में आई इस आपदा पर हरियाणा सरकार ने भी संवेदना व्यक्त की है। मंगलवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से दोनों राज्यों के लिए 5-5 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता जारी की गई। यह योगदान उन इलाकों में राहत सामग्री और पुनर्वास कार्यों को गति देगा जहां लोग भारी संकट से गुजर रहे हैं।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने किया प्रभावित इलाकों का दौरा

पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को अलग-अलग प्रभावित जिलों का दौरा किया। गांवों में पहुंचकर उन्होंने हालात का जायजा लिया और पीड़ित परिवारों को सांत्वना दी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तेजी से राहत सामग्री पहुंचाने और पुनर्वास कार्यों में कोई कोताही न बरतने के निर्देश दिए।

संकट की घड़ी में देश से सहयोग की अपील

फिरोजपुर जिले के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा करते समय मुख्यमंत्री भगवंत मान भावुक हो उठे। उन्होंने कहा कि पंजाब हमेशा संकट की घड़ी में देश के साथ खड़ा रहा है, और अब समय आ गया है कि देश भी पंजाब की इस आपदा में उसका साथ दे। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान के लिए दिए जाने वाले मौजूदा मुआवजे को बढ़ाया जाए ताकि प्रभावित परिवारों को वास्तविक मदद मिल सके।