जैन समाज के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजनों में से एक प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियां पूरे उत्साह और भक्ति भाव के साथ शुरू हो चुकी हैं। इस महोत्सव के अंतर्गत भगवान मनमोहन पार्श्वनाथ, गौतमस्वामीजी और दादा गुरु आचार्य राजेंद्रसुरीश्वरजी महाराज साहब की प्रतिष्ठा 16 नवंबर को आयोजित की जानी है। इस भव्य आयोजन का पहला चरण पहली जाजम चढ़ावे के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर आचार्य जयानंद सुरीश्वरजी और आचार्य दिव्यानंद सुरीश्वरजी की पावन निश्रा में कार्यक्रम हुआ।
आचार्य, साधु-साध्वी मंडल और समाजजन की मौजूदगी
कार्यक्रम में मुनि मंडल और साध्वी मंडल की उपस्थिति ने वातावरण को और अधिक आध्यात्मिक बना दिया। बड़ी संख्या में जैन धर्मावलंबी लोग इस अवसर पर पहुंचे और उन्होंने बढ़-चढ़कर लाभ लिया। समाजजन में अपार उत्साह देखा गया। इस दौरान जयसिंह टीनाजैन ने फले चुंदड़ी का लाभ लिया, लुक्कड़ परिवार ने शाही करवे का लाभ उठाया और कापड़िया परिवार ने “जय जिनेंद्र” का लाभ लिया।
भक्ति और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
इस अवसर पर बास्केटबॉल परिसर में लगभग 1500 लोगों के लिए स्वामी वात्सल्य का आयोजन किया गया। भक्तिरस और चढ़ावे के लिए मुंबई से प्रसिद्ध गायक नरेंद्र वाणीगोता विशेष रूप से आमंत्रित किए गए थे। उनकी प्रस्तुति ने माहौल को और भी अधिक भक्तिमय बना दिया।
समाज के वरिष्ठजनों की सहभागिता
प्रतिष्ठा महोत्सव के इस पहले कार्यक्रम में समाज के कई वरिष्ठजनों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। इनमें राजेंद्र सुराणा, अशोकजी कापड़िया, धनराजजी संघवी, आनंदीलालजी अंबोर, हिम्मतजी संघवी, संतोषजी कापड़िया, सागरमलजी नागोरी, प्रकाशजी भटेवरा और मनीष सुराणा प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक गरिमामयी बना दिया।
आयोजन समिति की भूमिका
इस महोत्सव के सफल आयोजन में समिति की भूमिका बेहद अहम रही। कार्यक्रम के मुख्य स्तंभ प्रतिष्ठा महोत्सव के अध्यक्ष जय सिंह जैन थे। उनके साथ सचिव शैलेश अंबोर, कोषाध्यक्ष नितिन जैन और उपाध्यक्ष गौतम मेहता ने जिम्मेदारियां निभाईं। सभी ने मिलकर इस धार्मिक आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।