MP Board: 5वीं-8वीं की वार्षिक परीक्षा में घटेगी लांग आंसर की संख्या, छात्रों को मिल सकेगा ज्यादा स्कोर करने का मौका

मध्यप्रदेश बोर्ड से जुड़े सभी सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा 5वीं और 8वीं की वार्षिक परीक्षा अगले साल मार्च 2026 में कराई जाएगी। इसके लिए राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इस बार परीक्षाएं एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित किताबों और पाठ्यक्रम के आधार पर आयोजित की जाएंगी।

परीक्षा परिणाम का आकलन तीन हिस्सों पर आधारित

परीक्षा का परिणाम छात्रों के पूरे साल के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। इसमें अर्द्धवार्षिक परीक्षा के 20 अंक, वार्षिक लिखित परीक्षा के 60 अंक और प्रोजेक्ट कार्य के 20 अंक शामिल होंगे। इस तरह कुल 100 अंकों का मूल्यांकन किया जाएगा।

इस बार प्रश्नपत्रों में बड़े बदलाव

इस बार छात्रों के लिए प्रश्नपत्र के पैटर्न को बदला गया है। हर विषय में दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों की संख्या घटाई गई है जबकि अति लघु उत्तरीय और लघु उत्तरीय प्रश्नों की संख्या बढ़ा दी गई है। साथ ही, प्रत्येक प्रश्नपत्र में 10 अंकों के वस्तुनिष्ठ प्रश्न भी जोड़े जाएंगे। इससे छात्रों को उत्तर लिखने में आसानी होगी और ज्यादा अंक हासिल करने का अवसर मिलेगा।

सरकारी और निजी स्कूलों के लिए अलग व्यवस्था

सरकारी स्कूलों के लिए सभी प्रश्नपत्र राज्य स्तर से तैयार किए जाएंगे। जबकि निजी स्कूलों को राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा दिए गए ब्लूप्रिंट के अनुसार स्वयं प्रश्नपत्र तैयार करने होंगे। इसके चलते सभी स्कूलों में एक जैसी परीक्षा संरचना रहेगी।

प्रश्नपत्र का पूरा पैटर्न

इस बार परीक्षा में कुल 26 प्रश्न होंगे। इनमें से –
• 5 प्रश्न बहुविकल्पीय (5 अंक)
• 5 प्रश्न रिक्त स्थान पूर्ति वाले (5 अंक)
• 6 प्रश्न अति लघुउत्तरीय (12 अंक)
• 6 प्रश्न लघु उत्तरीय (18 अंक)
• 4 प्रश्न दीर्घ उत्तरीय (20 अंक)

कुल मिलाकर प्रश्नपत्र इस तरह से तैयार किया गया है कि किसी भी छात्र का बहुत ज्यादा नुकसान न हो।

न्यूनतम अंक लाना होगा जरूरी

प्रत्येक विषय में कम से कम 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा। लिखित परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन दोनों में न्यूनतम अंक हासिल करना जरूरी है। यदि कोई छात्र इसमें असफल रहता है, तो उसे पुनः परीक्षा में शामिल होना होगा। वहीं, दूसरी बार भी पास न होने पर छात्र को उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा।

कटौती कम करने के लिए बदलाव

राज्य शिक्षा केंद्र के मूल्यांकन अधिकारी ब्रजेश सक्सेना ने बताया कि इस बार दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों की संख्या घटा दी गई है। इसका कारण यह है कि यदि कोई विद्यार्थी बड़े प्रश्न नहीं कर पाए तो उसके बहुत अधिक अंक न कटें। इससे छात्रों पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ेगा और वे परीक्षा को आत्मविश्वास के साथ दे पाएंगे।