नेपाल में सुशीला कार्की पर टिकी निगाहें, जानें क्यों हैं खास और भारत से कैसा है नाता

नेपाल में Gen-Z आंदोलन लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। हालांकि बुधवार को प्रदर्शनकारियों और सेना के बीच बातचीत की शुरुआत हुई, जिसके बाद देश में अंतरिम सरकार बनने का रास्ता साफ होता दिख रहा है। इस वार्ता के दौरान 73 वर्षीय सुशीला कार्की का नाम अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में सामने आया। माना जा रहा है कि अगर सहमति बनी, तो वे नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बन सकती हैं।

कौन हैं सुशीला कार्की?

सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं। वे लंबे समय से भ्रष्टाचार विरोधी आवाज़ के तौर पर जानी जाती हैं। 7 जून 1952 को विराटनगर, नेपाल में जन्मीं कार्की का विवाह नेपाली कांग्रेस के नेता दुर्गा प्रसाद सुबेदी से हुआ।

11 जुलाई 2016 को वे नेपाल सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस बनीं और न्यायिक स्वतंत्रता को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। भ्रष्टाचार विरोधी फैसलों के चलते वे सरकार के खिलाफ खड़ी रहीं और आम जनता के बीच लोकप्रिय चेहरा बन गईं।

क्यों चाहती है Gen-Z उनकी अगुवाई?

जनता और विशेषकर Gen-Z प्रदर्शनकारियों का मानना है कि सुशीला कार्की ईमानदारी और पारदर्शिता की मिसाल हैं। 2017 में सरकार ने संसद में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन जनता के विरोध के कारण यह प्रस्ताव उनके रिटायरमेंट से एक दिन पहले वापस लेना पड़ा।

इस घटना ने उन्हें भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का चेहरा बना दिया। यही वजह है कि मौजूदा प्रदर्शनकारियों ने अंतरिम सरकार के लिए उनके नाम की मांग की है।

शिक्षा और करियर की झलक

कार्की ने अपनी शुरुआती शिक्षा और 1972 में बीए की पढ़ाई विराटनगर से पूरी की। इसके बाद उनका भारत से गहरा नाता जुड़ा। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), वाराणसी से राजनीतिक विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। यहीं उनकी मुलाकात दुर्गा प्रसाद सुबेदी से हुई।

इसके बाद उन्होंने 1978 में नेपाल की त्रिभुवन यूनिवर्सिटी से लॉ में ग्रेजुएशन किया। वकालत की प्रैक्टिस करने के साथ उन्होंने 1985 में शिक्षिका के रूप में भी काम किया।

भारत से खास रिश्ता

सुशीला कार्की का भारत से गहरा संबंध रहा है। BHU से पढ़ाई करने के दौरान उन्होंने भारतीय शैक्षणिक और सांस्कृतिक माहौल को करीब से देखा। यही अनुभव उनके विचारों को आकार देने में सहायक रहा। यही कारण है कि वे नेपाल में पढ़े-लिखे और जागरूक युवाओं के बीच भी काफी लोकप्रिय हैं।

अंतरिम प्रधानमंत्री बनने की संभावना

बातचीत के बाद जिस तरह से उनका नाम उभरा है, उससे यह संभावना प्रबल हो गई है कि सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बन सकती हैं। उनकी साफ-सुथरी छवि, भ्रष्टाचार विरोधी रुख और जनसंपर्क उन्हें इस पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार बनाते हैं।