नेपाल में लंबे समय से जारी राजनीतिक अस्थिरता और उथल-पुथल के बीच आखिरकार देश को एक नया नेतृत्व मिल गया है। सूत्रों के अनुसार, पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुकीं सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में वे पद की शपथ लेंगी। शपथ के बाद कार्की का औपचारिक कार्यकाल शुरू हो जाएगा।
संसद भंग करने पर बनी सहमति
नेपाल के प्रमुख राजनीतिक दलों ने संसद को भंग करने पर सहमति बना ली है। यह फैसला मौजूदा संकट को देखते हुए लिया गया है। संसद भंग होने का सीधा अर्थ है कि जैसे ही हालात सामान्य होंगे, देश में आम चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस निर्णय को नेपाल की राजनीति में बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।
ओली सरकार का पतन और विरोध की आग
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अचानक इस्तीफा देना पड़ा क्योंकि जेन-जेड पीढ़ी के युवाओं का गुस्सा सड़कों पर उफान मार रहा था। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन पर हमला किया, आगजनी की और कई जगह हिंसा फैली। सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। नाराज भीड़ ने तो गुस्से में पूर्व पीएम की पत्नी तक को निशाना बना डाला, जिससे हालात बेहद गंभीर हो गए।
संवैधानिक हल की अपील
नेपाल की प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष देवराज घिमिरे और राष्ट्रीय सभा के अध्यक्ष नारायण दाहाल ने संयुक्त रूप से अपील की कि मौजूदा राजनीतिक संकट का समाधान संविधान के दायरे में किया जाना चाहिए। दोनों नेताओं का यह बयान उस समय आया जब राष्ट्रपति कार्यालय में अहम बैठक हो रही थी। इसी बैठक में सुशीला कार्की को अंतरिम पीएम बनाने का फैसला भी लिया गया।
हिंसक प्रदर्शनों में दर्जनों की मौत
भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ हुए प्रदर्शनों ने पूरे नेपाल को हिला कर रख दिया। 1997 से 2012 के बीच जन्मी जेन-जेड पीढ़ी के युवा इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे थे। इन प्रदर्शनों में एक भारतीय नागरिक सहित कम से कम 51 लोगों की मौत हुई। युवाओं का आरोप था कि सरकार सोशल मीडिया पर रोक लगाकर देश में तानाशाही थोपना चाह रही है।
सोशल मीडिया पर से हटाया गया प्रतिबंध
जोरदार जनविरोध के बाद ओली सरकार को अपने फैसले वापस लेने पड़े। सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाया गया और सरकार को झुकना पड़ा। हालांकि, यह भी स्पष्ट हो गया कि युवाओं की ताकत और उनकी आवाज को नजरअंदाज करना आसान नहीं है।
अंतरिम सरकार से उम्मीदें
अब नेपाल में अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है। सुशीला कार्की का नेतृत्व ऐसे समय में आ रहा है जब देश हिंसा और अस्थिरता से जूझ रहा है। जनता को उम्मीद है कि नई अंतरिम सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करेगी और देश को स्थिरता की ओर ले जाएगी।