इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा ने कहा है कि जनता की समस्याओं का समय पर और सकारात्मक तरीके से निराकरण करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि यदि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी ने लापरवाही बरती या योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों तक पहुँचाने में कोताही की, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अंतर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक
इंदौर में आयोजित अंतर्विभागीय समन्वय समिति और समय-सीमा पत्रों (टीएल) की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने विभिन्न विभागों के कार्यों का आकलन किया। इस दौरान उन्होंने सीएम हेल्पलाइन और लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत दर्ज प्रकरणों की विभागवार समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि अगले सात दिनों के भीतर लंबित मामलों के समाधान की गति में ठोस सुधार लाया जाए।
बैठक में मौजूद अधिकारी
बैठक में इंदौर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. परीक्षित झाड़े, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन, अपर कलेक्टर रोशन राय, रिंकेश वैश्य, निशा डामोर सहित सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। कलेक्टर ने सभी विभागों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि समस्या समाधान पारदर्शी और प्रभावी हो, ताकि आवेदकों को बार-बार दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें।
संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की अपील
कलेक्टर ने अधिकारियों से संवेदनशील रवैया अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि आमजन का विश्वास तभी जीता जा सकता है जब उनकी समस्याओं का समाधान समय पर और बिना परेशानी के हो। उन्होंने प्रशासनिक कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को अनिवार्य बताया।
समयसीमा में लापरवाही पर कार्रवाई
लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत समय पर प्रकरणों का निराकरण न करने पर कलेक्टर ने पांच अधिकारी-कर्मचारियों पर पेनाल्टी लगाई है। इनमें तहसीलदार खुड़ैल और ग्राम पंचायत गारीपिपलिया, खण्डेल, सिमरोल तथा दतोदा के पंचायत सचिव शामिल हैं।
सेवा पखवाड़ा और आगामी गतिविधियाँ
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि 17 सितम्बर को सेवा पखवाड़े के तहत जिले के सभी स्कूलों में पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।