मध्यप्रदेश में 700 गाड़ियों पर फर्जीवाड़े का पर्दाफाश, मालिकों को नोटिस जारी, सभी मामलों में होगी FIR दर्ज

मध्यप्रदेश में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। दूसरे राज्यों से बैकलॉग एंट्री व्यवस्था का गलत इस्तेमाल करके गाड़ियों को पहले ऑनलाइन दर्ज किया गया और फिर उनके लिए नकली एनओसी बनाकर एमपी के अलग-अलग शहरों में रजिस्टर्ड करवाया गया। जांच में सामने आया कि 2000 से ज्यादा ट्रांसफर एनओसी प्रकरण संदिग्ध हैं, जिनमें से 700 गाड़ियां सीधे तौर पर फर्जी पाई गई हैं।

फर्जी गाड़ियों का खेल

लक्षद्वीप, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड जैसे राज्यों से आई गाड़ियों में यह गड़बड़ी सामने आई। जब एमपी परिवहन विभाग ने निर्माता कंपनियों से इन वाहनों का मेक मॉडल और चेचिस नंबर मिलान करने के लिए पूछा, तो कंपनियों ने साफ मना कर दिया कि ऐसे वाहन उनके यहां बने ही नहीं हैं। इसका मतलब यह हुआ कि ये गाड़ियां पुर्जों को जोड़कर तैयार की गई थीं और उन पर फर्जी चेचिस नंबर डालकर बैकलॉग एंट्री से सिस्टम में शामिल कर लिया गया था।

फर्जी वाहन बेचकर मुनाफाखोरी

जांच में यह भी सामने आया कि इन नकली गाड़ियों को बेचकर धंधेबाज बड़े पैमाने पर मुनाफा कमा रहे थे। चूंकि इनका कोई असली रिकॉर्ड नहीं है, इसलिए इनके अपराधों में इस्तेमाल होने की भी आशंका जताई जा रही है। परिवहन विभाग ने ऐसे 700 वाहन मालिकों को नोटिस भेज दिए हैं। सुनवाई पूरी होने के बाद संबंधित थानों में इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।

नियमों का गलत इस्तेमाल

केंद्रीय परिवहन नियमों के अनुसार, किसी भी राज्य में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी बैकलॉग एंट्री व्यवस्था के जरिए पुरानी गाड़ियों को ऑनलाइन सिस्टम में दर्ज कर सकता है। यह सुविधा केवल उन गाड़ियों के लिए है जिनका डेटा पहले से ऑनलाइन उपलब्ध नहीं था। लेकिन लक्षद्वीप, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड में इस प्रावधान का दुरुपयोग किया गया। यहां कई ऐसे वाहन भी सिस्टम में चढ़ा दिए गए जिनका अस्तित्व ही नहीं था। एक बार एंट्री होने के बाद इन गाड़ियों को दूसरे राज्यों में आसानी से ट्रांसफर और बेचा जा रहा था।

अब सख्ती के निर्देश

सरकार ने अब क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी बाहरी राज्य की एनओसी पर पंजीयन करने से पहले केंद्र सरकार के होमोलोगेशन पोर्टल से गाड़ी का पूरा मिलान करना अनिवार्य होगा। इस पोर्टल पर निर्माता कंपनियों को हर गाड़ी का मेक मॉडल और चेचिस नंबर दर्ज करना होता है। परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा ने साफ कहा है कि एमपी में नकली एनओसी पर रजिस्टर्ड करवाई गई गाड़ियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी गई है और सभी जिलों को सतर्क कर दिया गया है।