आज 17 सितंबर, 2025 को भगवान विश्वकर्मा का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। कन्या संक्रांति पर भगवान विश्वकर्माजी का जन्म हुआ था, जो कि ब्रह्मा जी के पुत्र है। भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि के प्रथम शिल्पकार, निर्माण और सृष्टि के सृजन देवता के रुप में पूजा जाता है। विश्वकर्माजी ने स्वर्ग, लंका और द्वारका जैसे कई नगरों का निर्माण किया है।
ऋगवेद में भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्माण्ड के वास्तुकार और इंजीनियर के रूप में वर्णन किया गया है। धार्मिक मान्यता है कि विश्वकर्मा जन्मोत्सव के दिन भगवान विश्वकर्मा देव की पूजा करने से रोजी-रोटी, कारोबार, नौकरी में उन्नति होती है। इस खास दिन पर अपने व्यवसाय की दुकान, औजार, वाहन, मशीनों और उपकरणों की पूजा की जाती है, ताकि कार्य बिना किसी बाधा और सफलता के साथ आगे बढ़ सके।
इस दिन सभी औजारों, उपकरणों की साफ-सफाई कर उन पर कलावा बांधकर पूजा की जाती है और भगवान विश्वकर्मा जी की आरती की जाती है। आज 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहुर्त सुबह 6:30 बजे से लेकर शाम को 6:16 बजे तक रहेगा।