ग्राम पंचायतें भी विकसित करेंगी आवासीय कॉलोनी,एमपी सरकार का बड़ा कदम

मोहन सरकार ने एक नई पहल करते हुए मध्य प्रदेश की ग्राम पंचायतें अब शहरों की तर्ज पर आवासीय कॉलोनियां भी विकसित करेंगी। विदिशा जिले से इसकी शुरुआत हो चुकी है। विदिशा जिले में 12 पंचायतों के 14 गांव चुने गए हैं। यहां पर सड़क, बिजली, पानी जैसी सुविधाएं निर्मित करके ग्राम पंचायतें प्लॉट बेचेंगी,इसके बाद खरीददार भवन बनाएंगे। यह ग्रामीण विकास की नई पहल है। इसके लिए 2-5 एकड़ जमीन आवंटित की गई है।

आधुनिक आवास मुहैया कराएगी ग्राम पंचायत
विदिशा जिले के स्थानीय प्रशासन ने जिले की 12 ग्राम पंचायतों के 14 गांवों को इसके लिए चिन्हित कर लिया है। इन गांवों में कॉलोनी बनाने के लिए पंचायतों को जमीन आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ग्राम पंचायतें भी शहरों में गृह निर्माण मंडल और विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरणों की तरह आधुनिक आवासीय कालोनियां विकसित करेंगी। गांवों में आधुनिक आवासीय कालोनियों का विचार जिला प्रशासन का है। जहां शासकीय भूमि उपलब्ध हो,वहां पर गांव शहरी सीमा से सटे हों और क्षेत्रफल व आबादी के लिहाज से बड़े हों। इस मापदंड पर 13 गांवों की सूची बनाई गई है।

विदिशा से शुरू हुई प्रायोगिक परियोजना
इन गांवों को दो एकड़ से पांच एकड़ तक की जमीन कॉलोनी विकसित करने के लिए आवंटित की गई है। जिन गांवों में ये कालोनियां बननी हैं, उनकी नजदीकी कस्बे से दूरी 500 मीटर से 10 किमी तक है। यहां कॉलोनियों के विकास की जिम्मेदारी संबंधित ग्राम पंचायतों को दी गई है। विदिशा से यह प्रायोगिक परियोजना शुरू हो रही है, जिसमें ग्राम पंचायत प्लाट बेचेंगी। उसपर भवन निर्माण खरीददार ही करेंगे।

योजनाबद्ध विकास होगा
इनका विकास योजनाबद्ध होगा। सबसे पहले सड़कों का निर्माण होगा। इसके साथ ही बिजली, पानी और पार्क जैसी मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। इसकी निगरानी जिला एवं जनपद पंचायतें करेंगी। शुरुआती विकास पंचायत के बजट से होगा और बाद में प्लाट बिकने पर विकास कार्यों की गति बढ़ाई जाएगी।

इन 14 गांवों में बनेगी पहली कॉलोनी
विदिशा जिले की गंज पंचायत का पठारी बासौदा, ग्यारसपुर विकासखंड का खुजराहर, सिरोंज का बगरोदा, चौड़ाखेड़ी पंचायत का कमरिया, नटेरन का रुसल्ली, पट्टन और डंगरवाड़ा, कुरवाई का मेहलुआ चौराहा और पठारी, लटेरी का मुरवास तथा विदिशा विकासखंड का ढोलखेड़ी, रंगई, करैयाहवेली और आमखेड़ा हवेली।