इंदौर में साउंड एंड हीलिंग थेरेपी का अद्भुत आयोजन, ध्वनि तरंगों और कंपन से होता है इलाज

इंदौर में साउंड और हीलिंग थेरेपी का अद्भुत आयोजन रीगल रोड स्थित होटल सरोवर पोर्टिक में किया गया। ध्वनी मधुर स्टुडियों के साथ इंदौर के प्रतिष्ठित न्यूज नेटवर्क समय नाऊ और स्वतंत्र संमय दैनिक समाचार पत्र इस आयोजन के मीडिया पार्टनर बने। इसमें न्यूज नेटवर्क के  स्टॉफ ने स्वयं उपस्थित होकर थेरेपी का लाभ उठाया। टीम के सदस्यों ने स्वयं साउंड थेरेपी का लाभ लिया। इसके बाद सभी ने अपने अनुभव सुनाएं।

प्राचीन चिकित्सा पद्धति है साउंड हिलिंग
साउंड हीलिंग, एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है जो ध्वनि तरंगों और कंपन के माध्यम से शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है. इसमें सिंगिंग बाउल, ट्यूनिंग फोर्क और अन्य वाद्ययंत्रों का उपयोग किया जाता है, जिससे शरीर और मन को गहरी शांति और विश्राम मिलता है. यह थेरेपी तनाव, चिंता और दर्द को कम करने के साथ-साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है और समग्र कल्याण में सुधार करती है।

यह कैसे काम करती है।
ध्वनि कंपन के माध्यम सें थेरेपिस्ट क्रिस्टल या धातु के बाउल्स से ध्वनि तरंगें उत्पन्न करते हैं, जो शरीर के भीतर कंपन पैदा करती हैं।  ऊर्जावान मालिश के जरिए यह कंपन एक प्रकार की ऊर्जावान ऊतक मालिश की तरह काम करती है, जो शरीर के चक्रों (एनर्जी सेंटर्स) को खोलती, साफ करती और संतुलित करती है। इससे गहन विश्राम की अनुभूति होती है। ध्वनि तरंगों से उत्पन्न कंपन दिमाग को शांत करता है और व्यक्ति को गहरी विश्राम अवस्था में ले जाता है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है।
साउंड एंड हीलिंग थेरेपी से लाभ
मानसिक स्वास्थ्य बेहत्तर होता है। इससे तनाव, चिंता, PTSD (पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर) और मनोभ्रंश के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। शारीरिक स्वास्थ्य में रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल स्तर और हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में सहायक होता है। इसके साथ ही भावनात्मक संतुलन भी बनता है। व्यक्ति को संतुलित और तरोताजा महसूस करने में मदद करती है. इसके साथ ही समग्र कल्याण होता है। जिसके चलते नींद की गुणवत्ता में सुधार आता है। शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक भाव जागृत होता है।

ऐसे कराई जाती है थैरेपी
ध्वनी मधुर स्टुडियों और समय नाऊ न्यूज चैनल की साझा प्रस्तुति में साउंड एंड हीलिंग थेरेपी के हिलर जीतू शर्मा और जिगंमा वागमारे जो कि मुंबई से इंदौर आई थी इसके साथ ही रश्मी मेडम ने बताया कि इस थेरेपी में तकनीक स्टूमेन्ट के रूप में सिंगिंग बाउल, ट्यूनिंग फोर्क, गाइडेड मेडिटेशन और बीनोरेल साउंड थेरेपी जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाता है। सत्र का तरीका ऐसा बनाया जाता है। कि एक शांत वातावरण में, व्यक्ति को मैट पर लिटाया जाता है और थेरेपिस्ट वाद्ययंत्रों का उपयोग करके ध्वनि तरंगें उत्पन्न करता है। इसमें लगभग एक साउंड हीलिंग सत्र में आमतौर पर 45 से 60 मिनट का समय लगता है। हिलर जिगंमा वागमारे ने बताया कि इस थेरेपी के पहले दिन आप को रिलेक्स महूसूस होता है। लेकिन इस थेरेपी का पूरा असर तीसरी बार थेरेपी लगाने से शुरू होता है। इस थेरेपी के माध्यम से दर्द को दूर करने के साथ ही कई बीमारियों का इलाज संभव है।
हिलर जीतू शर्मा ने बताया कि हमारे शरीर के सभी अंगों के ध्वनी तंरगे होती है। यदि हम उन्हें थेरेपी के माध्यम से सुधार ले तो हमें कई बड़ी बीमारियों से निजात मिल सकती है।