दशहरा पर बदलेगी परंपरा, रावण की जगह जलेगा पति हत्याओं की आरोपी 11 पत्नियों के चेहरों वाला ‘शूर्पणखा’ पुतला

इंदौर में इस बार दशहरे का नज़ारा हर साल की तरह परंपरागत नहीं होगा। जहां आमतौर पर रावण दहन किया जाता है, वहीं इस बार शहर के महालक्ष्मी ग्राउंड में 11 मुखी शूर्पणखा दहन (Shurpanakha Dahan) आयोजित किया जाएगा। आयोजन की पहल संस्था पौरुष की ओर से की जा रही है। खास बात यह है कि पुतले पर रावण और उसके दस सिर नहीं होंगे, बल्कि उन महिलाओं के चेहरे लगाए जाएंगे, जो अपने पतियों की हत्या जैसे संगीन अपराधों में आरोपी या दोषी रह चुकी हैं। इनमें इंदौर की सोनम रघुवंशी का नाम सबसे चर्चित है।

बुराई के अंत का अलग संदेश

संस्था पौरुष के अध्यक्ष अशोक दशोरा ने बताया कि इस बार का आयोजन प्रतीकात्मक है। उनका कहना है कि सवाल रावण या उसके चरित्र का नहीं है, बल्कि बुराई का अंत दिखाना उद्देश्य है। समाज में पति की हत्या करने वाली महिलाओं को उन्होंने सबसे बड़ी बुराई करार दिया और इसी वजह से 11 मुख वाला शूर्पणखा का पुतला तैयार किया गया है। आयोजन समिति का मानना है कि इस कदम से समाज में जागरूकता फैलेगी और लोग घरेलू हिंसा व पारिवारिक अपराधों को गंभीरता से समझेंगे।

जुलूस और दहन की तैयारियां

कार्यक्रम केवल दहन तक सीमित नहीं रहेगा। इसके पहले शूर्पणखा और उसकी प्रतीकात्मक “सेना” का जुलूस भी शहर में निकाला जाएगा। इस जुलूस में महिला अपराधियों के नाम और चेहरे पुतले के साथ प्रदर्शित किए जाएंगे। शाम 6:30 बजे महालक्ष्मी ग्राउंड पर मुख्य पुतला दहन होगा। आयोजकों ने इस कार्यक्रम के लिए राजा रघुवंशी के परिवार को विशेष रूप से आमंत्रित किया है।

किन-किन महिलाओं के चेहरे होंगे शामिल?

इस 11 मुखी शूर्पणखा पुतले पर उन महिलाओं की तस्वीरें लगाई जा रही हैं, जिन पर पति की हत्या के आरोप लगे हैं या अदालतों में मामले चल रहे हैं। इनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
• सोनम रघुवंशी (इंदौर) – राजा रघुवंशी हत्याकांड की आरोपी।
• मुस्कान (मेरठ) – नीले ड्रम में पति की हत्या के मामले में चर्चित।
• हर्षा (राजस्थान) – पति की हत्या की आरोपी।
• निकिता सिंघानिया (जौनपुर) – पति की हत्या के केस में संलिप्त।
• सुष्मिता (दिल्ली) – पति हत्या प्रकरण से जुड़ी।
• रविता (मेरठ) – पति की हत्या का आरोप।
• शशि (फिरोजाबाद) – पति हत्या के मामले में नाम सामने आया।
• सूचना सेठ (बेंगलुरु) – पति की हत्या की आरोपी।
• हंसा (देवास) – पति हत्या का मामला।
• चमन उर्फ गुडिसा (मुंबई) – पति की हत्या में आरोपी।
• प्रियंका (औरैया) – पति की हत्या की आरोपी।

आयोजन से जुड़ा विवाद और संदेश

हालांकि यह आयोजन अनोखा और परंपरा से हटकर है, लेकिन इससे सामाजिक बहस भी तेज हो गई है। कुछ लोगों का मानना है कि दशहरे पर शूर्पणखा का पुतला जलाना समाज में महिलाओं की नकारात्मक छवि पेश करेगा। वहीं आयोजकों का तर्क है कि उनका उद्देश्य किसी खास वर्ग को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि यह संदेश देना है कि पति की हत्या जैसी घटनाएं समाज के लिए रावण से भी बड़ी बुराई हैं।