शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू हो रही है। इस दौरान लोग पूजा-अर्चना के साथ ही नौ दिन का व्रत रखते हैं। व्रत का अर्थ केवल अनाज त्यागना नहीं है, बल्कि इस दौरान सात्विक और शुद्ध भोजन करना भी अनिवार्य माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह भोजन शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध रखता है और देवी दुर्गा की भक्ति में लगने में मदद करता है। इस नौ दिन के व्रत में कुछ सब्जियों का सेवन वर्जित होता है, क्योंकि इन्हें सात्विक गुणों वाली सब्जियों में नहीं गिना जाता।
लहसुन और प्याज
नवरात्रि व्रत में लहसुन और प्याज को पूरी तरह से वर्जित माना जाता है। ये सब्जियां तामसिक गुणों वाली मानी जाती हैं और पूजा-पाठ के दौरान इनका सेवन नहीं करना चाहिए। धार्मिक आचार के अनुसार, इनकी तीव्र महक और स्वाद मानसिक शांति में बाधा डाल सकते हैं।
बैंगन
बैंगन को भी नवरात्रि में व्रत के दौरान खाने से बचना चाहिए। इसे शुद्ध आहार में शामिल नहीं किया जाता और व्रत के नियमों के अनुसार इसे सेवन करना उचित नहीं माना जाता। बैंगन की वजह से भोजन का सात्विक गुण कम हो जाता है, इसलिए यह पूरी तरह से वर्जित है।
गोभी और इससे संबंधित सब्जियां
गोभी, पत्तागोभी, ब्रोकली और रेड कैबेज जैसी सब्जियों का सेवन नवरात्रि में व्रत के दौरान नहीं किया जाना चाहिए। इन सब्जियों में खास तरह की गंध और स्वाद होता है, जो व्रत के सात्विक नियमों के अनुसार उचित नहीं माना जाता।
मूली
मूली भी गंध वाली सब्जी के रूप में मानी जाती है। नवरात्रि के व्रत में मूली का सेवन पूरी तरह से वर्जित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मूली व्रत के सात्विक भोजन के सिद्धांतों के अनुरूप नहीं होती।
मटर और कॉर्न
नवरात्रि व्रत में मटर और अन्य फलियां जैसे बींस, लोबिया आदि का सेवन नहीं किया जाता। मटर को फलियों में गिना जाता है, और फलियों का सेवन व्रत में वर्जित माना गया है। इसी तरह कॉर्न को भी अनाज की तरह इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसे भी व्रत के दौरान नहीं खाना चाहिए।
शिमला मिर्च और भिंडी
भिंडी चिपचिपी प्रकृति की होती है, इसलिए इसे व्रत में खाने से बचा जाता है। वहीं, शिमला मिर्च की महक और स्वाद काफी तेज होता है, जो व्रत के सात्विक नियमों के अनुरूप नहीं माना जाता। इसलिए इन सब्जियों का सेवन नवरात्रि व्रत के दौरान नहीं करना चाहिए।