इंदौर में भारी वाहनों पर सख्ती, ड्राइवर और गाड़ियों की होगी सख्त जांच

पिछले एक सप्ताह में ट्रक और बस दुर्घटनाओं में सात लोगों की मौत होने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। शनिवार को कलेक्टर शिवम वर्मा ने जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक ली और कई कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब शहर में भारी वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। केवल तय समय पर ही उन्हें शहर में आने की अनुमति दी जाएगी। इस संबंध में शीघ्र ही आदेश जारी किए जाएंगे।

आवश्यक सेवाओं के वाहनों के लिए तय होगा समय और मार्ग

कलेक्टर ने कहा कि आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों के प्रवेश के लिए दिन के समय स्लॉट तय किया जाएगा। साथ ही इनके लिए विशेष मार्ग निर्धारित किए जाएंगे, ताकि ये वाहन भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों से होकर न गुजरें और सीधे सुरक्षित स्थानों तक पहुंच सकें।

अनावश्यक स्पीड ब्रेकर हटेंगे

शहर में जगह-जगह बने अनावश्यक स्पीड ब्रेकर हादसों का कारण बन रहे हैं। ऐसे सभी स्पीड ब्रेकर जल्द ही हटाए जाएंगे। इसके अलावा, इंदौर-देवास रोड पर 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी। यदि कहीं सड़क पर गड्ढा बनता है तो उसे तत्काल भरने की व्यवस्था की जाएगी।

नवलखा बस स्टैंड का होगा शिफ्ट

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नवलखा बस स्टैंड को नायता मुण्डला स्थित नए बस स्टैंड पर स्थानांतरित किया जाएगा। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि दो दिनों के भीतर यहां सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएं ताकि नया बस स्टैंड जल्द ही शुरू हो सके।

अवैध बस स्टैंड और सवारी बैठाने पर कार्रवाई

प्रशासन ने स्पष्ट किया कि अब शहर में अवैध रूप से संचालित बस स्टैंड को बंद कराया जाएगा। वहीं, सड़क किनारे यात्री बसें खड़ी कर सवारी बैठाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

वाहनों और ड्राइवरों की होगी सख्त जांच

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि वाहनों की फिटनेस और ड्राइवरों के लाइसेंस, परमिट समेत अन्य दस्तावेजों की जांच के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस काम के लिए एक टास्क फोर्स बनाई जाएगी जो नियमित रूप से निगरानी और कार्रवाई करेगी। स्कूली बसों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए।

निर्माणाधीन ओवरब्रिज क्षेत्र में निगरानी

रालामंडल से अर्जुन बड़ौद तक निर्माणाधीन ओवरब्रिज के सभी डायवर्शन मार्गों पर 24 घंटे नजर रखी जाएगी। यहां खराब होने वाले वाहनों को तुरंत हटाया जाएगा और यदि कहीं गड्ढा बनता है तो तत्काल मरम्मत की जाएगी। बारिश खत्म होते ही सड़कों का डामरीकरण भी शुरू किया जाएगा।