इंदौर में पर्यावरण संरक्षण को लेकर नागरिकों ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया। हुकुमचंद मिल परिसर में प्रस्तावित पेड़ कटाई के विरोध में आज शाम रीगल चौराहे पर गांधी प्रतिमा स्थल पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए। यहाँ विद्यार्थियों, व्यापारियों, सामाजिक संगठनों और विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों ने मिलकर विशाल मानव श्रृंखला बनाई और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखी।
सिटी फ़ॉरेस्ट का महत्व
कार्यक्रम में शामिल पर्यावरण प्रेमियों ने बताया कि हुकुमचंद मिल का 42 एकड़ परिसर पिछले चार दशकों में प्राकृतिक रूप से घने जंगल का रूप ले चुका है। यह हरित क्षेत्र अब शहर का “सिटी फ़ॉरेस्ट” माना जाता है, जहाँ हज़ारों पेड़, पक्षी और अन्य जीव-जंतु निवास करते हैं। यह जंगल न केवल शहर को हरियाली प्रदान करता है, बल्कि ऑक्सीजन स्तर बनाए रखने, प्रदूषण कम करने और तापमान संतुलित रखने में भी अहम भूमिका निभाता है।
आने वाली पीढ़ियों पर खतरा
आयोजकों का कहना था कि इतने विशाल हरित क्षेत्र को समाप्त करना भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा। हज़ारों पेड़ों की कटाई से शहर में तापमान में वृद्धि, भूजल स्तर में गिरावट और जैव विविधता को गंभीर नुकसान होगा। उनका मानना है कि विकास योजनाओं के साथ पर्यावरण का संरक्षण भी आवश्यक है और इसके लिए वैकल्पिक विकल्प तलाशे जाने चाहिए।
नागरिकों का संदेश
मानव श्रृंखला के दौरान प्रतिभागियों ने स्लोगन और तख्तियों के माध्यम से जनता और प्रशासन से अपील की। प्रमुख नारे थे—
“इंदौर के फेफड़े बचाओ – हुकुमचंद जंगल बचाओ”
“हर पेड़ एक जीवन – हर जंगल एक साँस”
इन नारों के माध्यम से शहरवासियों ने यह संदेश दिया कि पेड़ों की रक्षा करना आज की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है।
अभियान को मिलेगा व्यापक रूप
आयोजकों ने कहा कि यह पहल केवल हुकुमचंद मिल परिसर तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि अन्य मिल क्षेत्रों में मौजूद हरियाली की भी सुरक्षा की जाएगी। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे हर स्तर पर पेड़ों को बचाने और हरित क्षेत्र को बढ़ाने में सहयोग दें।
संगठनों और राजनीतिक दलों की भागीदारी
मानव श्रृंखला में न सिर्फ आम नागरिक बल्कि कई सामाजिक और राजनीतिक संगठन भी शामिल हुए। इनमें इंदौर पर्यावरण प्रेमी नागरिक समूह, अखिल भारतीय शांति एवं एकजुटता संगठन, अभ्यास मंडल, इंटक, सीटू, संस्था जीवन प्रवाह, जैन इंजीनियरिंग परिषद, टीएनबी, भारत विकास परिषद, जन विकास केंद्र पालदा समेत कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, भाकपा, माकपा और जनहित पार्टी के सदस्य भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।