मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में इस समय मानसूनी बारिश का सिलसिला लगातार जारी है। कहीं पर हल्की बौछारें पड़ रही हैं, तो कहीं रुक-रुककर रिमझिम फुहारें लोगों को भिगो रही हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश से होकर एक ट्रफ लाइन गुजर रही है। इसके साथ ही, लोकल सिस्टम भी सक्रिय है, जिसके कारण लगातार वर्षा का दौर बना हुआ है। रविवार को भी इसी तरह का मौसम देखने को मिलेगा और अधिकांश जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी रहेगी। वहीं, सितंबर के अंतिम सप्ताह में कुछ इलाकों में भारी वर्षा का अनुमान जताया गया है।
शनिवार को बारिश का असर प्रदेश के बड़े हिस्से में दिखाई दिया। कुल 22 जिलों में अच्छी खासी बारिश हुई। नर्मदापुरम में सबसे ज्यादा 1 इंच पानी बरसा, जबकि नरसिंहपुर, शिवपुरी और खरगोन में आधा इंच वर्षा दर्ज की गई। भोपाल, शाजापुर, आगर-मालवा, सीहोर, देवास, राजगढ़, विदिशा, धार, इंदौर, उज्जैन, छिंदवाड़ा, दमोह, रीवा, बालाघाट, बड़वानी, मऊगंज, गुना और डिंडौरी जिलों में भी बरसात का असर देखा गया। लगातार हो रही बारिश ने मौसम को सुहावना तो बनाया है, लेकिन डैम और नदियों के जलस्तर में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
डैमों की स्थिति पर नजर डालें तो शनिवार को भोपाल के पास कोलार डैम के इस सीजन में पहली बार दो गेट खोले गए। यह डैम सीहोर जिले में स्थित है, लेकिन राजधानी भोपाल की लगभग 40 प्रतिशत आबादी को पेयजल इसी डैम से मिलता है। इसके अलावा, भोपाल के कलियासोत डैम के दो गेट और भदभदा डैम का एक गेट भी खोला गया। अब केवल केरवा डैम ही ऐसा बचा है, जिसके गेट अभी तक नहीं खुले हैं। लगातार वर्षा के चलते आने वाले दिनों में इसके गेट भी खोले जा सकते हैं।
मौसम विभाग का कहना है कि वर्तमान में प्रदेश पर दो सिस्टम सक्रिय हैं। पहला, उत्तर-पूर्व दिशा से एक ट्रफ लाइन गुजर रही है, और दूसरा, पूर्वी हिस्से के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन यानी चक्रवाती प्रणाली भी बनी हुई है। इन दोनों के साथ ही कुछ क्षेत्रों में लोकल सिस्टम भी सक्रिय है, जिसके कारण लगातार बारिश हो रही है। रविवार को भी इन सिस्टम्स का असर बना रहेगा और पूरे प्रदेश में हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। इसके चलते विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है।
बारिश के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस सीजन में अब तक मध्यप्रदेश में औसतन 43.6 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है। जबकि सामान्य तौर पर इस अवधि तक 36.1 इंच वर्षा होनी चाहिए थी। इस लिहाज से प्रदेश में अब तक 7.5 इंच अधिक पानी गिर चुका है। सामान्य मानसून की औसत बारिश 37 इंच मानी जाती है, जो इस बार पिछले ही सप्ताह पूरी हो गई थी। इस समय तक प्रदेश में 118 प्रतिशत वर्षा हो चुकी है, जो औसत से काफी ज्यादा है और यह बताता है कि इस बार मानसून प्रदेश पर मेहरबान रहा है।