भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप के बाद इंदौर मंडी सचिव नरेश परमार को हटाया, करोड़ो रूपए की धांधली के लगे थे आरोप

इंदौर में एशिया की सबसे बड़ी जॉय आलू मंडी, सब्जी मंडी और प्याज़ मंडी एक बार फिर विवादों में चल रही थी ।  यहां के मंडी सचिव नरेश परमार के भ्रष्टाचार से किसान परेशान थे जिसके बाद किसानों ने इसकी शिकायत की थी।  इन पर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए जा रहे थे। इसकी शिकायत के बाद मंडी सचिव को हटा दिया गया है। इस घटना के बाद किसानों में उत्साह देखा गया है। ।

मंडी सचिव पर सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, वर्ष 2020 से अब तक मंडी परिसर में हुए सभी नए निर्माण कार्यों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएँ के आरोप थे। जहाँ ₹50,000 की लागत का कार्य हुआ, वहाँ ₹2,00,000 तक के बिल बनाए गए। सूत्रों का कहना है कि करोड़ों रुपये के हेरफेर की आशंका के चलते कार्रवाई की गई है।

बताया जा रहा है कि  किसान भवन, जो किसानों के ठहरने के लिए बनाया गया था, आज तक उपयोग में नहीं लाया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह भवन अब “भूत बंगला” बन चुका है। जब भी कोई बड़ा अधिकारी निरीक्षण के लिए आता है, केवल दिखावे के लिए सफाई करवाई जाती है और टेबल-कुर्सियाँ रख दी जाती हैं। वहीं, भवन में बड़े व्यापारियों की प्याज़ रखवा कर निजी लाभ उठाने के आरोप भी लगे थे।

कुछ व्यापारियों और किसानों ने यह भी आरोप लगाया था कि नरेश परमार स्वयं को “वी.डी. भाई साहब का आदमी” बताकर दबाव बनाते हैं और यह कहते थे कि उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। वाहनों से लेकर धनराशि तक के अवैध बँटवारे की बातें भी चर्चा में थी। इसके बाद हुई कार्रवाई ने पुरे मंडी प्रशासन में खुशी की लहर फैल गई है। पीड़ित इस कार्रवाई से बहुत खुश नजर आ रहे है।

स्थानीय किसानों का कहना है कि इन सभी मामलों की निष्पक्ष जाँच होने से हमारा न्याय के प्रति विश्वास बढ़ेगा लेकिन जांच में इस मंडी सचिव को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। इस सचिव ने किसान के खून पसीने की कमाई को लूटा है।  एक किसान नेता ने बताया, “मंडी में पिछले कुछ वर्षों से लगातार भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही थी। यदि इस कार्रवाई के बाद भी उच्च स्तरीय जाँच हो तो कई अन्य मामले भी सामने आ जाएगे।

किसानों ने मंडी सचिव के खिलाफ सीबीआई जांच की भी मांग की है