इंदौर की सड़क पर इंसानियत की मिसाल, तमाशबीनों के बीच ट्रैफिक मित्रों की सक्रियता

इंदौर की व्यस्त सड़कों पर सोमवार को एक घटना ने यह साबित कर दिया कि इंसानियत आज भी जीवित है। गीता भवन और पलासिया चौराहा के बीच एक स्कूटी सवार युवती तेज रफ्तार वाहनों से घबराकर संतुलन खो बैठी और सड़क पर गिर गई। सौभाग्य से पीछे से कोई वाहन नहीं आ रहा था, अन्यथा हादसा और भयावह हो सकता था। युवती के हाथ-पाँव पर चोटें आईं और वह दर्द से कराह उठी।

तमाशबीनों के बीच ट्रैफिक मित्रों की सक्रियता

हादसे के समय आसपास मौजूद अधिकांश लोग केवल घटना का वीडियो बनाने और तमाशा देखने में लगे रहे। लेकिन यातायात प्रबंधन मित्र नेहा शर्मा और अरुण घोलप तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने न केवल घायल युवती की प्राथमिक मदद की, बल्कि उसे सांत्वना दी और हेलमेट पहनने तथा सावधानी से वाहन चलाने के महत्व के बारे में समझाया।

ट्रैफिक पुलिस की तत्परता

पलासिया चौराहा ट्रैफिक पुलिस टीम ने भी तुरंत कार्रवाई करते हुए घायल युवती को सुरक्षित रूप से उसके घर पहुँचाने का इंतज़ाम किया। इस पूरी घटना ने यह संदेश दिया कि सड़क पर किसी की मदद करना ही असली मानवता है।

संदेश और सीख

आजकल लोग सड़क हादसों के दौरान मोबाइल से वीडियो बनाने में अधिक समय लगाते हैं, लेकिन इस घटना ने दिखाया कि संवेदनशीलता और तत्परता ही समाज को सुरक्षित बनाती है। थोड़ी-सी मदद किसी की जान बचा सकती है और परिवार का दुख टाल सकती है।

खास बातें 

  • दुर्घटना के समय तुरंत मदद करना ही असली मानवता है।
  • वीडियो बनाने से बेहतर है पीड़ित का सहारा बनना।
  • हेलमेट पहनना और सावधानी बरतना जीवन की असली सुरक्षा है।
  • संवेदनशीलता और तत्परता से ही समाज सुरक्षित बनता है।