कलेक्टर ने पांच अधिकारियों पर की सख्त कार्रवाई, एसडीएम-तहसीलदारों को कोर्ट में जवाब देने के दिए निर्देश

भोपाल में कलेक्टर कौशलेन्द्र सिंह ने सख्त तेवर दिखाते हुए अनुपस्थित अधिकारियों पर कार्रवाई की है। हाल ही में हुई जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में गैर-मौजूद रहने वाले पांच अधिकारियों और कर्मचारियों को उन्होंने नोटिस जारी किए हैं। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों के लिए बैंकिंग सुविधाओं को बेहतर बनाना और पीएम स्वनिधि जैसी महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुँचाना था। अनुपस्थित रहने वालों में जनजातीय कार्य विभाग और उद्यानिकी व खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अधिकारी शामिल थे।

अधिकारियों को कोर्ट में समय पर जवाब देने की चेतावनी

कलेक्टर ने सभी एसडीएम और तहसीलदारों को यह भी साफ निर्देश दिए कि वे विभिन्न कोर्ट केसों में तय समय-सीमा के अंदर सही जवाब प्रस्तुत करें। उन्होंने विशेष रूप से कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट (अदालत की अवमानना) के मामलों में लापरवाही बरतने पर सख्त चेतावनी दी। दरअसल, हाल ही में एक मामले में समय पर जवाब न मिलने के कारण हाईकोर्ट ने कलेक्टर को खुद तलब कर लिया था। इसी स्थिति को दोबारा न दोहराने के लिए उन्होंने यह कड़ा रुख अपनाया है।

बैंकिंग और सरकारी योजनाओं पर विशेष ध्यान

कलेक्टर ने बैठक में मौजूद जिला पंचायत की सीईओ इला तिवारी, भारतीय रिजर्व बैंक के एजीएम मयंक सेमवाल, नाबार्ड बैंक के एजीएम जगप्रीत कौर, और अन्य बैंक अधिकारियों को कई जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर लंबित शिकायतों को तुरंत सुलझाया जाए और क्रेडिट डिपॉजिट रेश्यो को बढ़ाया जाए। साथ ही, उन्होंने कृषि क्षेत्र में लोन प्राथमिकता से देने और पीएम स्वनिधि जैसी योजनाओं का लाभ समय पर लोगों तक पहुँचाने पर भी जोर दिया।

इस पूरी बैठक में कलेक्टर ने स्पष्ट कर दिया कि चाहे बैठक हो या कोर्ट का काम, लापरवाही बिलकुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी को अपनी जिम्मेदारियों को समय पर निभाना होगा।