Indore News : शहर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव के आह्वान पर सोमवार को शहरवासियों ने तीसरे वर्ष भी ‘नो कार डे’ को पूरे उत्साह से मनाया। इस दौरान शहर की सड़कों पर करीब 30 से 32 प्रतिशत कारें और बड़े वाहन कम उतरे। नतीजा यह हुआ कि एक ही दिन में एक लाख लीटर पेट्रोल और 80 हजार लीटर डीजल की खपत कम हुई। इससे करीब 445.4 मेट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी दर्ज की गई।
आम से लेकर खास लोग तक इस अभियान से जुड़े। हाईकोर्ट के न्यायाधीश अपने निवास से पैदल न्यायालय पहुंचे। जनप्रतिनिधि रमेश मेंदोला, महेंद्र हार्डिया, केबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट, भाजपा नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा, संभागायुक्त, कलेक्टर शिवम् वर्मा, पुलिस कमिश्नर, नगर निगम आयुक्त, आरटीओ समेत कई अधिकारी पब्लिक ट्रांसपोर्ट, ई-रिक्शा, साइकिल या दोपहिया वाहनों से दफ्तर पहुंचे।
साइक्लोथॉन से बढ़ाया संदेश
गौरतलब है कि महापौर पुष्यमित्र भार्गव सुबह रेडियो कॉलोनी स्थित अपने निवास से साइकिल पर सवार होकर पलासिया चौराहा पहुंचे और यहां से राजवाड़ा होते हुए पलासिया तक आयोजित साइक्लोथॉन रैली में सम्मिलित हुए।
इस दौरान देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राकेश सिंघाई, महापौर परिषद सदस्य नंदकिशोर पहाड़िया, अभिषेक शर्मा बबलू सहित बड़ी संख्या में साइकिल प्रेमी शामिल हुए। महापौर ने पूरे दिन दो पहिया वाहन में अपने दैनिक कार्य किए जिसमें उन्होंने नगर निगम जाने से लेकर महत्वपूर्ण मीटिंग में भी वो दो पहिया वाहन से ही पहुंचे।
महापौर बोले- भविष्य का इंदौर तैयार हो रहा
वहीं इस मौके पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि – इंदौर भारत का पहला शहर है, जिसने नो कार डे मनाने की शुरुआत की है। यह केवल एक दिन का सांकेतिक प्रयास नहीं, बल्कि भविष्य के इंदौर को तैयार करने का अभियान है। उन्होंने कहा, “आज भले ही बड़ा परिणाम दिखाई न दे, लेकिन जब पब्लिक ट्रांसपोर्ट और साइकिल का उपयोग बढ़ेगा, गाड़ियों का दबाव कम होगा, तब इस अभियान को याद किया जाएगा।”