किसानों के हित में मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा एक और बड़ा फैसला लिया गया है। जिससे किसानों को काफी फायदा मिलेगा। इसके लिए आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार सहकारिता विभाग ने बैंकों से कहा है कि जिस दिन उपार्जन की राशि बैंक के खाते में प्राप्त होती है, उसी दिन संबंधित किसान के खाते में जमा की हुई मानी जाएगी। जिस पर बैंक कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं लगा सकेगा।
उल्लेखनीय है कि राज्य मंत्रि-परिषद की पिछली बैठक में यह मुद्दा आया था कि बैंक खातों में पैसा आने के पश्चात भी समय पर किसानों के खातों में जमा नहीं होता है। इस कारण किसानों को अतिरिक्त ब्याज आने की और डिफाल्टर हो जाने की संभावना रहती है। इस पर मुख्यमंत्री चौहान द्वारा इस संबंध में सहकारिता विभाग को शीघ्र कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया था।
एमपी के किसानों को सभी योजनाओं का लाभ बैंक में राशि प्राप्त होने की तिथि से प्राप्त होगा। जिसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर सहकारिता विभाग द्वारा इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। यहां पर यह बता दें कि राज्य मंत्रि परिषद की पिछली बैठक में यह मुद्दा सामने आया था कि बैंक खातों में पैसा आने के पश्चात भी समय पर किसानों के खातों में राशि जमा नहीं होती। जिसके कारण किसानों को अतिरिक्त ब्याज और डिफाल्टर हो जाने तक की संभावना रहती है। जिस पर मुख्यमंत्री द्वारा इस संबंध में सहकारिता विभाग को शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके बाद सहकारिता विभाग ने इस संबंध में जारी कर दिए गए हैं।
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इसके साथ ही किसान को सभी योजनाओं का लाभ बैंक में राशि प्राप्त होने के दिनांक से यथावत मिलेगा। सीएम शिवराज सिंह चौहान की मंशानुरूप मप्र राज्य सहकारी बैंक मर्यादित द्वारा इस आशय के निर्देश भी जारी कर दिये गये हैं। प्रदेश के सभी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा था कि एमपी के डिफाल्टर किसानों के लिए लागू की गई मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना का लाभ दिलाना सुनिश्चित किया जाए। किसानों को योजना का लाभ मिलने में विलंब न हो। किसानों द्वारा उपज का समर्थन मूल्य पर विक्रय किए जाने के बाद जिस तारीख को कृषक की लिंकिंग राशि बैंक के समिति खाते में प्राप्त होती है, उसी राशि को उसी दिन कृषक के ऋण खाते में समायोजित किया जाना सुनिश्चित करें। जिससे किसानों पर ब्याज अधिभारित नहीं होगा।