भले ही पड़ोसी राज्यों से मानसून ने वापसी की दस्तक देना शुरू कर दिया हो, लेकिन मध्यप्रदेश में अभी उसकी विदाई की संभावना कम है। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बार भी मानसून अक्टूबर के पहले पखवाड़े में ही अलविदा कहेगा। इस समय प्रदेश के मौसम पर लो प्रेशर एरिया, साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ लाइन का असर बना हुआ है। इसका असर विशेष रूप से दक्षिणी हिस्से के कुछ जिलों में दिखाई दे सकता है। वहीं, अन्य कई हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी की संभावना जताई जा रही है।
इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार 24 सितंबर को सिवनी, मंडला और बालाघाट जिलों में भारी वर्षा का यलो अलर्ट जारी किया गया है। इन इलाकों में अगले 24 घंटों में लगभग ढाई इंच या उससे अधिक पानी गिरने की संभावना है। जबकि प्रदेश के अन्य जिलों में हल्की बारिश या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। विभाग का कहना है कि सितंबर के अंतिम दिनों तक कई जिलों में फिर से जोरदार बारिश देखने को मिल सकती है।
25 सितंबर के बाद बन सकता है नया सिस्टम
मौसम विज्ञानी अभिजीत चक्रवर्ती का कहना है कि फिलहाल कोई बड़ा मौसम तंत्र सक्रिय नहीं है, इस वजह से तेज बारिश की संभावना कम है। हालांकि, 25 सितंबर के बाद बंगाल की खाड़ी में एक नया सिस्टम बनने की संभावना है। इस सिस्टम का असर मध्यप्रदेश के दक्षिण से लेकर मध्य क्षेत्रों तक रह सकता है। यदि यह सक्रिय हुआ तो 27 और 28 सितंबर को प्रदेश के कई हिस्सों में झमाझम बारिश की स्थिति बन सकती है।
भोपाल में बढ़ा तापमान और उमस
राजधानी भोपाल में पिछले कुछ दिनों से बारिश रुकने के बाद तेज धूप निकल रही है। इसके कारण तापमान लगातार बढ़ रहा है और उमस ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो कि पिछले 63 दिनों में पहली बार इतना अधिक दर्ज हुआ है। इससे पहले 22 जुलाई को भोपाल का अधिकतम तापमान 33 डिग्री रहा था। दिनभर गर्मी और उमस ने लोगों को परेशान रखा।
दो-तीन दिन और इसी तरह रहेगा मौसम
मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि राजधानी सहित प्रदेश के कई हिस्सों में अगले दो-तीन दिन मौसम का यही मिजाज बना रहेगा। यानी सुबह से तेज धूप और दिनभर उमस की स्थिति बनी रहेगी। मंगलवार को भी भोपाल में न्यूनतम तापमान 23 डिग्री और अधिकतम 34 डिग्री दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान में एक डिग्री से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इसके बाद, प्रदेश में बादल और हल्की बौछारों का दौर शुरू हो सकता है। ऐसे में इस बार भी मानसून की विदाई अक्टूबर में ही होने के संकेत मिल रहे हैं।