MP Tourism : मध्यप्रदेश भारत के मध्य में स्थित शानदार पर्यटन स्थलों में से एक है। मध्य प्रदेश को भारत के दिल की धड़कन भी कहा जाता है। क्योंकि यहां के पर्यटन स्थल पर्यटकों का दिल चुरा लेते हैं। यहां पर प्रति वर्ष लाखों की संख्या में सैलानी प्रकृति की सुंदरता का दीदार करने आते हैं। भारत का सबसे कम आबादी वाला यह राज्य अपनी खूबसूरती से पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। ऐसे में यदि आप घूमने की योजना बना रहे हैं तो एक बार मध्य प्रदेश के इन शानदार पर्यटन स्थलों का दीदार अवश्य करें। मध्यप्रदेश की यह जगह पर बेहद ही खूबसूरत और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। आज हम आपको एमपी का प्राचीन और प्रसिद्ध महल के बारे में बताने जा रहे हैं जो 100 साल पुराना है।
इस महल को महज 2 लाख रूपये में बनाया गया था। आज भी इस महल में 5 रूपये में रुकने का इंतजाम है। अगर आप भी मध्यप्रदेश घूमने के लिए आ रहे है या फिर आए हुए है तो एक बार जरूर इस महल का दीदार करने जाए। ये जगह बेहद ही आकर्षित होने के साथ-साथ अनोखी भी है। जैसा की आप सभी जानते है आजकल कही भी या किसिस भी धर्मशाला में रुकने के लिए हजारों रूपये पर्यटकों को देना पड़ते हैं। लेकिन ये एक ऐसा पैलेस है जहां रुकने के लिए सिर्फ 5 रूपये ही देना पड़ते हैं। उसके बाद आप यहां 24 घंटे रुक सकते हैं। खंडवा में इस जगह को ‘आम इंसानों का पैलेस’ के नाम से जाना जाता है। यहां आपको मात्र 5 रूपये में हर सुविधा मिल जाती है।
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करीब एक सदी से यहां साधु-संत, स्त्री पुरुष, अमीर-गरीब, मजदूर, नौकरीपेशा, व्यापारी, खिलाड़ी, संस्कृति कर्मी हर वर्ग के लोग यहां आकर रुकते हैं। ये जगह लड़कियों और महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा सुरक्षित है। आपको पूरा पैलेस भी घूमने का मौका मिल जाता है। यहां हरे भरे बाग़ है। साथ ही हरियाली के बीच यहां ठहरना आपको सुकून पहुंचाएगा।
खास बात ये है कि अगर यहां रुकने आए लोगों के पास अगर खाना बनाने का सामान है तो वह यहां पर खाना भी बना सकते हैं। वैसे आपको बता दे, 72 कमरों और 5 बड़े हॉल वाले इस पैलेस में निम्न, मध्यम, उच्च आय वर्ग के लिए 60 रुपए से लेकर 400 रुपए तक के कमरे हैं। यहां आपको कई तरह की सुविधाएं मिल जाती है।
इस जगह पर आज भी सिर्फ गरीब ही नहीं हर वर्ग के लोग आकर रुकते हैं। इस धर्मशाला को खंडवा की बेटी और संस्कारधानी जबलपुर के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी व साहित्यकार सेठ गोविंद दास की मां पार्वती बाई ने बनवाया था। पार्वती बाई ने कन्यादान की रस्म में चांदी के सिक्कों के रूप में मिले स्त्री धन से इस महल का निर्माण करवाया गया था। इस पैलेस का नाम पार्वती महल है।