राजस्व वसूली में लापरवाही पर होगी कार्रवाई, कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश

इंदौर जिले में राजस्व वसूली को लेकर कलेक्टर ने सख्त रवैया अपना लिया इसके साथ ही राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कलेक्टर शिवम वर्मा की अध्यक्षता में विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में
अपर कलेक्टरों से लेकर एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार तथा अन्य राजस्व अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में कलेक्टर वर्मा ने आरसीएमएस, नामान्तरण, बटवारा, सीमांकन, अभिलेख दुरुस्ती, सीएम हेल्पलाइन, पीएम किसान, फार्मर रजिस्ट्री, ई-केवायसी, राजस्व वसूली, खरीफ गिरदावरी, स्वामित्व योजना, नक्शा प्रोजेक्ट, भू-सर्वेक्षण/री-सर्वे, भू-अभिलेख डिजिटाइजेशन तथा फसल क्षति प्रकरणों सहित सभी महत्वपूर्ण विषयों की समीक्षा की। बैठक में अपर कलेक्टर गौरव बैनल,  पंवार नवजीवन विजय, रिंकेश वैश्य, रोशन राय, निशा डामोर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

कलेक्टर शिवम वर्मा ने निर्देश दिए कि सभी राजस्व प्रकरण निर्धारित समय-सीमा में गुणवत्तापूर्वक निराकृत हों, अन्यथा संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर श्री वर्मा ने स्पष्ट निर्देश दिए कि राजस्व प्रकरणों में पारित सभी आदेश पारदर्शी और सटीक हों, ताकि जनता को न्याय मिले और शासन के हित सुरक्षित रहें। उन्होंने कहा कि निराकृत प्रकरणों का रेण्डम निरीक्षण किया जाएगा। पारित आदेशों की रेण्डम रूप से कलेक्टर और अपर कलेक्टर स्वयं समीक्षा करेंगे।

बैठक में कलेक्टर वर्मा ने कहा कि हमारा काम जनता की सेवा करना है। जनता के कार्य समय-सीमा में, गुणवत्ता के साथ पूरे हों। शासन की संपत्ति की सुरक्षा और हितों की रक्षा हम सबकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। यदि किसी की लापरवाही से शासन के विरुद्ध निर्णय आता है, तो कठोर कार्रवाई तय है। कलेक्टर  शिवम वर्मा ने निर्देश दिये कि प्रत्येक राजस्व प्रकरण आरसीएमएस में दर्ज हो। नामान्तरण, बटवारा व सीमांकन प्रकरणों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निराकरण के लिए मार्गदर्शी निर्देश तैयार करने के निर्देश अपर कलेक्टरों को दिये गए। कहा गया कि नोटिस के प्रारूप में समयानुसार सुधार हो। नोटिस स्पष्ट बनाए जाएं।

कलेक्टर वर्मा ने कहा कि ऐसे प्रयास किए जाए जिससे की राजस्व प्रकरणों के निराकरण में इंदौर को प्रदेश में नंबर-वन बनाया जा सकें। उन्होंने डायर्वशन वसूली का लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सोयाबीन खरीदी की सुव्यवस्थित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और किसानों की समस्याओं के त्वरित समाधान पर विशेष ध्यान रखा जाए। किसानों को समय पर गुणवत्तापूर्ण बीज और खाद उपलब्ध हो ऐसी व्यवस्था बनायी रखी जाए। उन्होंने कहा कि सभी एसडीएम कानून व्यवस्था पर सतत निगरानी रखें और अपने-अपने अनुभाग में समन्वयक अधिकारी की भूमिका निभाये, शासकीय योजनाओं व कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए, ताकि आमजन को परेशानी न हो और उनके कार्य समय पर पूरे हों।