आगरा से स्वामी चैतन्यानंद को किया गिरफ्तार, छात्राओं के साथ छेड़छाड़ का लगा है आरोप

दिल्ली पुलिस ने स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती, जिन्हें पार्थ सारथी के नाम से भी जाना जाता है, को आगरा के ताजगंज इलाके के एक होटल से देर रात गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी से होटल के कमरे में करीब 15 मिनट तक पूछताछ की और फिर उसे अपने साथ दिल्ली ले आई। अब वह वसंतकुंज (नार्थ) थाना क्षेत्र में पुलिस की हिरासत में है, जहां उससे आगे की जांच की जा रही है।

आरोपों का विवरण

स्वामी चैतन्यानंद पर गंभीर आरोप हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने ईडब्ल्यूएस छात्रवृत्ति के तहत पीजीडीएम पाठ्यक्रम करने वाली छात्राओं से छेड़छाड़ की और जालसाजी की। विशेष रूप से यह आरोप वसंतकुंज स्थित आश्रम में 17 छात्राओं के साथ उनकी कथित शोषण गतिविधियों को लेकर है।

संपत्ति और धोखाधड़ी के मामले

आरोपी स्वामी चैतन्यानंद ने आश्रम की तीन खरब से अधिक की संपत्ति पर कब्जा करने की योजना बनाई थी। इसके लिए उसने आश्रम के पीठ की भरोसेमंद व्यवस्था का दुरुपयोग किया। आश्रम की इमारतें कई कंपनियों को किराए पर दी गई थीं, जिनसे प्रतिमाह लगभग 60 लाख रुपये की आय होती थी। आरोप है कि स्वामी इस किराए को पीठ को नहीं दे रहा था और इस संबंध में धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज़ बनाने जैसे आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है।

अन्य प्राथमिकी और जाँच

स्वामी के खिलाफ अन्य प्राथमिकियाँ भी दर्ज हैं। इसमें छात्राओं के साथ यौन शोषण और महंगी गाड़ियों पर अवैध नंबर प्लेट लगाने का मामला शामिल है। पुलिस ने जांच में पाया कि स्वामी और उसके ट्रस्ट के नाम पर कुल 18 बैंक खाते और 28 फिक्स्ड डिपॉजिट हैं, जिनमें लगभग 18 करोड़ रुपये की रकम जमा थी। पुलिस ने इन खातों को सीज कर लिया है।

लुकआउट सर्कुलर और गिरफ्तारी प्रयास

यौन शोषण के आरोपों के मद्देनजर स्वामी को देश छोड़ने से रोकने के लिए पुलिस ने लुकआउट सर्कुलर जारी किया था। आरोपी की तलाश में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और बिहार में छापेमारी की गई। शनिवार देर रात ही उसे आगरा से गिरफ्तार किया गया।

संस्थान और फर्जी दस्तावेज़

आरोपी ने संस्थान का नाम बदलकर “श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट” कर लिया था। इसके अलावा उस पर फर्जी सरकारी दस्तावेज़ बनाने, पीएचडी के लिए गांरटी राशि मांगने और अन्य धोखाधड़ी करने का आरोप भी है।

छात्राओं के बयान और मानसिक शोषण

17 छात्राओं में से एक ने बताया कि संस्थान में आठ महीने रहकर पढ़ाई करना उसके लिए सबसे कठिन अनुभव था। आरोपी ने लगातार अश्लील मैसेज भेजे, उसे “स्वीट गर्ल” कहा और पढ़ाई के बहाने होटल व अन्य स्थानों पर बुलाकर उत्पीड़ित किया। छात्रा ने बताया कि उसका मोबाइल छीन लिया गया, हॉस्टल में अकेला रहने के लिए मजबूर किया गया और कई बार शारीरिक छेड़छाड़ की कोशिश की गई।