चेन्नई में अभिनेता-राजनेता विजय को मिली बम से उड़ाने की धमकी, सुरक्षा एजेंसियों ने शुरू की जांच

चेन्नई स्थित अपने नीलांकरै आवास पर रविवार को अभिनेता और राजनेता विजय को बम धमकी मिली। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, धमकी के बाद उनके आवास पर खोजी कुत्तों के साथ बम निरोधक दस्ते को तैनात किया गया और आवास की व्यापक जांच की गई। यह घटना ऐसे समय में हुई जब हाल ही में करूर में विजय के नेतृत्व वाली तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) की रैली में भगदड़ के कारण कई लोगों की जान चली गई थी।

करूर रैली में भगदड़ 

27 सितंबर को हुई करूर रैली में भगदड़ के कारण अब तक 40 लोगों की मौत हो चुकी है और 60 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से कम से कम दो की हालत गंभीर बनी हुई है। इस दुखद घटना के बाद अभिनेता विजय ने मृतकों के परिवारों को 20-20 लाख रुपए और घायलों के परिवारों को 2-2 लाख रुपए मदद के रूप में देने की घोषणा की है। साथ ही, उन्होंने पार्टी के सदस्यों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति और कार्रवाई पर विचार किया।

बिजली गुल होने से भगदड़ हुई?

इस हादसे के पीछे बिजली गुल होने को मुख्य कारण बताया जा रहा है। करूर विद्युत बोर्ड की मुख्य अभियंता राजलक्ष्मी ने बताया कि रैली के कुछ घंटे पहले कार्यक्रम स्थल पर बिजली बंद थी। भीड़ ने एक पेड़ पर चढ़कर ट्रांसफार्मर तक पहुंचने की कोशिश की, जिसके चलते सुरक्षा के कारण तुरंत बिजली काट दी गई। राजलक्ष्मी ने बताया, “हमें डर था कि अगर पेड़ की कोई टहनी बिजली के तारों पर गिर गई, तो स्थिति और गंभीर हो सकती थी। पुलिस और कर्मचारियों की मदद से लोगों को पेड़ से नीचे उतारा गया और फिर बिजली बहाल की गई।”

राजनीतिक हस्तियों का दुख और प्रतिक्रिया

करूर की इस दुखद घटना के बाद राजनीतिक स्तर पर भी गहरी चिंता व्यक्त की गई। कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से फोन पर बात कर घटना की जानकारी ली। मुख्यमंत्री स्टालिन ने ट्विटर (X) पर राहुल गांधी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने फोन पर इस हादसे पर अपनी चिंता व्यक्त की और अस्पतालों में इलाज करा रहे लोगों के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी ली।

पार्टी नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज

इस घटना के बाद तमिलगा वेत्री कझगम के महासचिव एन आनंद और करूर व नमक्कल के पार्टी प्रभारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। इस कदम का मकसद हादसे की पूरी जांच करना और जिम्मेदारों को कानून के तहत सजा दिलाना है।