भोपाल के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के छात्र और एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष अमन कुमार का नाम एक बड़े साइबर फ्रॉड में सामने आया है। सूत्रो के अनुसार उन पर आरोप लगा है कि अमन कुमार ने अपने सहयोगी के साथ मिलकर लोगो को सरकारी योजनाओं का लालच देकर भारतीय डाक भुगतान बैंक के 250 से ज्यादा खाते खुलवाए।
इन तमाम खातों का इस्तेमाल करीब 3 करोड़ रूपए के संदिग्ध लेन-देन के लिए किया गया। ये खाते अमन कुमार ने भोपाल में पढ़ाई के दौरान ही खुलवाए थे। पुलिस जांच में पता चला है कि इस पूरे नेटवर्क के तार पाकिस्तान से जुड़े होने की बात सामने आई है। साथ ही बिहार में इस नेटवर्क को लीड राजपुर पटखौलिया पंचायत मोहन दास का बेटा विशाल कुमार कर रहा था। पुलिस ने बिहार के मोतिहारी से आरोपियों के पास से 4 मोबाइल जब्त किए है।
आरोपी अमन एमसीयू में मास कम्यूनिकेशन का थर्ड ईयर का स्टूडेंट है और बिहार के खाप गोपालपुर का रहने वाला है। 12 वीं कक्षा में पढ़ने के दौरान मोतिहारी में उसकी अन्य स्टूडेंट और गिरोह में उसके साथी इरशाद से मुलाकात हुई।
जांच में खुलासा हुआ कि इरशाद ने अमन की दोस्ती पाकिस्तान में बैठे अरशद से कराई। ये तीनों मिलकर लोगों को लूटने का काम कर रहे थे। NSUI के उपाध्यक्ष अमन पठान के मुताबिक अमन कुमार को एमसीयू में NSUI का अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन वह एक्टिव नहीं था, इसलिए उन्हें हटा दिया था।
गौरतलब है कि खाताधारकों ने जब अपने पासबुक मांगे, तो उन्हें ये बताया गया कि खाते बंद हो गए हैं। उन्होंने सरपंच और उसके बेटे से पैसे आने के बारे में पूछा तो उन्हें टाल दिया गया। बाद में, बैंक ने खातों पर रोक लगाने और पुलिस द्वारा खाताधारकों को नोटिस जारी करने के बाद यह पूरा खेल सामने आया।
पुलिस जांच में पता चला कि अमन कुमार भोपाल में रहते हुए, बीते दो साल से खाते खुलवाने का काम कर रहा था। बिहार के लोगों के अलावा उसने भोपाल में भी खाते खुलवाए। जिसके बाद हाल ही में भोपाल से मोतिहारी पहुंचा था। उसे हर खाते पर 2500 से 5000 रुपए मिलते थे।
इसके साथ ही कई बार खाते से होने वाले लेनदेन में भी उसकी हिस्सेदारी रहती थी। अमन ने पूछताछ में बताया कि उसकी दोस्ती सोशल मीडिया के जरिए इरशाद से हुई थी। इरशाद ने उसे खाता उपलब्ध कराने पर प्रति खाता 2,500 से 5,000 रुपए देने का लालच दिया।