Airtel बिज़नेस ने स्विफ्ट नेविगेशन के साथ भारत का पहला ‘नेक्स्ट-जेन’ सोल्यूशन किया लॉन्च

गुरुग्राम/ सैन फ्रांसिस्को : एयरटेल बिज़नेस ने सटीक-लोकेशन तकनीक की अग्रणी कंपनी स्विफ्ट नेविगेशन के साथ रणनीतिक साझेदारी की है। इसके तहत भारत की पहली एआई/एमएल-संचालित, क्लाउड-आधारित लोकेशन सेवा – एयरटेल-स्काईलार्क™ प्रीसाइज़ पोज़िशनिंग सर्विस लॉन्च की जा रही है। यह सेवा सामान्य जीएनएसएस (ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम) की तुलना में सटीकता को 100 गुना तक बेहतर बनाएगी।

एयरटेल बिज़नेस और स्विफ्ट नेविगेशन की यह विशेष साझेदारी, एयरटेल-स्काईलार्क™ को एयरटेल के पूरे भारत में फैले मज़बूत 4जी/5जी नेटवर्क से जोड़कर पेश करेगी। इससे एक विश्वसनीय और आसानी से उपलब्ध सेंटीमीटर-लेवल की सटीक लोकेशन सेवा मिलेगी, जिसका उपयोग बड़े पैमाने पर ज़रूरी और लोकेशन-आधारित कामों के लिए किया जा सकेगा।

कई उद्योग इस सटीक सेवा से फायदा उठा सकेंगे, जैसे टोल वसूली, इमरजेंसी सेवाएँ, डिजिटल नक्शे, निर्माण काम, बिजली-पानी जैसी सुविधाएँ, गाड़ियों का प्रबंधन और खुद चलने वाली गाड़ियाँ। यह सेवा भारत के शहरों और गाँवों में नए बदलाव, बेहतर कामकाज और तेज़ गति से सेवाएं प्रदान करने में मदद करेगी।

शरत सिन्हा, डायरेक्टर एवं सीईओ – एयरटेल बिज़नेस, ने कहा: “हमारे देश में जहाँ जटिल गलियां और रास्ते हैँ , वहाँ हर सेंटीमीटर सटीक लोकेशन या पते को पहचानने में बहुत फर्क पड़ता है, खासकर आपातकालीन सेवाओं के लिए। स्विफ्ट नेविगेशन के साथ साझेदारी करके हमें गर्व है कि हम भारत की पहली क्लाउड-आधारित, एआई/एमएल-संचालित जीएनएसएस करेक्शन्स सर्विस लॉन्च कर रहे हैं, जो सेंटीमीटर-लेवल की सटीकता प्रदान करेगी।

यह क्रांतिकारी तकनीक न केवल आपातकालीन सेवाओं को बदल देगी बल्कि औद्योगिक उपयोगों के लिए नए मानक स्थापित करेगी, और साथ ही स्वचालित गाड़ियाँ और सैटेलाइट-आधारित टोल वसूली जैसे नए समाधानों में भी तेजी लाएगी।”

होल्गर इप्पाच, ईवीपी ऑफ प्रोडक्ट एंड मार्केटिंग – स्विफ्ट नेविगेशन, ने कहा: “हम एयरटेल के साथ मिलकर स्काईलार्क को भारत में लाने के लिए बहुत उत्साहित हैं। एयरटेल की मज़बूत आईओटी सेवाओं और समाधानों के साथ हम देशभर के व्यवसायों और डेवलपर्स को आसानी से सटीक लोकेशन तकनीक अपनाने में मदद कर रहे हैं, ताकि कामकाज ज्यादा स्वचालित और आधुनिक हो सके।”

एयरटेल-स्काईलार्क™ प्रीसाइज़ पोज़िशनिंग सर्विस से मिलने वाले बड़े फायदे…..

  1. ऑटोमोटिव और ट्रांसपोर्टेशन: एडवांस्ड ड्राइवर-असिस्टेंस सिस्टम्स (एडीएएस) और पूरी तरह से ऑटोमेटिक गाड़ियों को और बेहतर बनाना, ताकि सड़कें ज़्यादा सुरक्षित हों और ट्रैफिक आसानी से चले।
  2.  मोबाइल और उपभोक्ता एप्लीकेशंस: नेविगेशन, टैक्सी बुकिंग और फिटनेस ऐप्स को और बेहतर बनाना, जहाँ आपको बिल्कुल सही रास्ता, सही पिकअप पॉइंट और स्मार्टफोन/वॉच पर भरोसेमंद ट्रैकिंग मिले।
  3.  स्मार्ट टोलिंग: बिना रुकावट और बिना गेट/कैमरे के टोल वसूली करना, जिससे सफ़र आसान और तेज़ हो।
  4.  लॉजिस्टिक्स और लास्ट-माइल डिलीवरी: गाड़ियों, ड्रोन और डिलीवरी रोबोट्स के लिए बेहद सटीक फ्लीट मैनेजमेंट, रूट ऑप्टिमाइज़ेशन और पहुँचने के समय की भविष्यवाणी करना, खासकर घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में।
  5.  रेलवे: ट्रेनों की सही लोकेशन जानकर रेलवे को और सुरक्षित और तेज़ बनाना।
    – कृषि: सटीक पोज़िशनिंग के ज़रिए प्रिसीजन एग्रीकल्चर को बढ़ावा देना—जैसे स्वचालित ट्रैक्टर, सीडर और स्प्रेयर, जिससे किसान पानी, खाद और कीटनाशकों का सही उपयोग कर पाएँ और फसल की पैदावार और कमाई बढ़े।

यह साझेदारी भारत में प्रीसाइज़ पोज़िशनिंग मार्केट में एयरटेल बिज़नेस को अग्रणी बना देती है। पहले चरण में, इस साल के अंत तक, यह नेटवर्क राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के आसपास लगभग 35,000 वर्ग किलोमीटर में शुरू किया जाएगा। इसके बाद, बहुत जल्द इसे चरणबद्ध तरीके से देश के बाकी हिस्सों में फैलाया जाएगा।

इसे लाइव देखें 8–11 अक्टूबर 2025 के दौरान इंडिया मोबाइल कांग्रेस एयरटेल बूथ पर।